अलमोड़ा के जीबी पंत संस्थान के तकनीकी विभाग द्वारा बर्मी खाद बंनाने का एक प्लांट लगाया है, जिसमें सड़ी गली घास और पतियों को जलाकर जैविक खाद तैयार की जाती है।
ये जैविक खेती के लिए काफी उपयोगी होगा। इस खाद को बनाने का तरीका बहुत आसान है। ये खाद 5 से 6 महीने में तैयार हो जाती है। जीबी पंत के तकनीकी विभाग का मकसद पर्वतीय क्षेत्र के किसान इसका फायदा उठा सकतें हैं। साथ ही पूर्णरूप से जैविक खेती को करने में सफलता मीलेगी। इससे किसानों की जैविक खेती की पैदावार भी बढ़ेगी।
सस्थान के बैज्ञानिक डीएस चौहान ने बताया कि सस्थान द्वारा वर्मी खाद का एक प्लांट लगाया है, जिसका मकसद पहाड़ के किसानों को इसके बारे में जानकारी देना है। उन्होंने बताया कि किसान अपने घर में ही इसको तैयार कर सकते हैं। इसको तैयार करने के लिए सड़ी घास पत्तियों और गोबर को इक्कठा कर इसमें केंचुवे को डाला जाता है, जो 5 से 6 महीने में तैयार हो जाता है। इससे जैविक खेती को बहुत फायदा होता है।
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