अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई अंतिम दौर में है। 17 अक्टूबर को इसकी सुनवाई पूरी हो जाएगी। इस बीच राम नगरी में हलचलें तेज हो गई हैं।
दिवाली करीब है। शहर में दीपोत्सव मनाने की तैयारी हो है। 27 अक्टूबर को दीपोत्सव मनाया जाना है। दीपोत्सव की तैयारी कर रहे संतों को प्रशासन से निराशा हाथ लगी है। प्रशासन ने विवादित स्थल में दीपोत्सव की इजाजत देने से मना कर दिया है। विश्व हिन्दू परिषद ने दिवाली के दिन विवादित स्थल में दीपोत्सव की अनुमति मांगी थी।
प्रशासन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, परम्परागत कार्यक्रम के अलावा किसी अन्य आयोजन की इजाजत नहीं दी जा सकती है। प्रशासन ने संतों से मुलाकात के दौरान उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए कहा।
वीएचपी के प्रवक्ता शरद शर्मा ने प्रशासन पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि लंका विजय के बाद राम के अयोध्या लौटने पर ही देश भर में दिवाली मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि राम के जन्मस्थल पर ही इसका आयोजन नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। संतों ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। इस बीच वीएचपी द्वारा दीपोत्सव की इजाजत मांगने पर मुसलमानों ने भी नमाज पढ़ने की इजाजत मांगी थी।
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