एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के 85 फीसदी जिले बाढ़ और भूस्खलन के हॉट स्पॉट बने हैं।
चमोली आपदा को 20 दिन से ज्यादा वक्त हो चुका है, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। तबाही इतनी भयंकर थी कि कई इलाके पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। चमोली आपदा के बाद एक सवाल फिर जोरों से पूछा जा रहा है कि उत्तराखंड में कितने ऐसे जिले हैं, जहां इस तरह की आपदा का खतरा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 85 फीसदी जिले बाढ़ और भूस्खलन के हॉट स्पॉट बने हैं। पिछले दो दशक में 50 हजार हेक्टेयर फॉरेस्ट कवर इन प्राकृतिक आपदाओं की भेंट चढ़ गया है।
1970 से बाढ़ घटनाएं चार गुना बढ़ गई हैं। इसकी प्रमुख वजह स्थानीय जलवायु में परिवर्तन है। ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) के एनालिसिस में सामने आया है कि राज्य के 85 प्रतिशत जिले में बाढ़ का खतरा बहुत ज्यादा है। इनमें चमोली, नैनीताल, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, हरिद्वार सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। अगर इन जिलों में चमोली जैसी आपदा आई तो करीब नौ लाख से ज्यादा लोग प्रभावति होंगे।
रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि 1970 के बाद से उत्तराखंड में सूखा भी दो गुना बढ़ गया था। प्रदेश के 69 फीसदी से ज्यादा जिले इसकी चपेट में है। साथ ही पिछले एक दशक में अल्मोड़ा, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों मे बाढ़ और सूखा एक साथ आया।
(Saharanpur Loot) उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में बेखौफ बदमाशों का आतंक देखने को मिला है।…
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने रविवार को देहरादून में ₹188.07…
Roorkee Car Accident: उत्तराखंद के रुड़की में भीषड़ सड़क हादसा हुआ है। रुड़की के मंगलौर…
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में राज्य स्थापना दिवस (Uttarakhand Foundation Day) के मौके पर चौखुटिया विकासखंड…
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउंड देहरादून में आयोजित राज्य स्तरीय युवा…
(Kedarnath Yatra) केदारनाथ और बद्रीनाथ यात्रा को लेकर जो खबरें सामने आई हैं उसने सभी…
This website uses cookies.