उत्तराखंड: कोरोना वायरस के खतरे के चलते डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द, इससे निपटने के लिए किए जा रहे इंतजाम
चीन में कोरोना वायरस से कोहराम मचा हुआ है। इस जानलेवा बीमारी से अब तक चीन में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
चीन में इस बीमारी से 2000 से ज्यादा लोग पीड़ित हैं, जिनका इलाज अस्पतालों में चल रहा है। भारत के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस के अब तक कई संदिग्ध मरीज सामने आ चुके हैं। पूरे देश में इस बीमारी के खतरे से लोग डरे हुए हैं। उत्तराखंड की सीमा चीन से सटी होने की वजह से राज्य में भी इस बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। ऐस में प्रदेश में अलर्ट जारी किए जाने के बाद इस बीमारी से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि कोई भी संदिग्ध मरीज पाया जाता है तो उसका इलाज किया जा सके।
प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। विभाग ने राजकीय संयुक्त चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून के सभी डॉक्टरों और स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। फिलहाल डॉक्टरों को छुट्टी नहीं दी जाएगी। इसे लेकर जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक ने शासनादेश जारी किया है। इसके साथ ही राजकीय दून मेडिकल अस्पताल प्रशासन ने भी अति आपात स्थिति को छोड़कर सभी डॉक्टरों और दूसरे स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर केके टम्टा ने बताया कि डॉक्टर और स्टाफ की बैठक ली गई है। अस्पताल में 10 आईसोलेशन बॉर्ड बनाए गए हैं। इसके साथ ही 2000 m95 मास्क भी मंगा लिए गए हैं। अस्पताल के पांचों आईसीयू में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए 5 पर्सनल प्रोटक्शन एग्जामिनेशन किट मंगा ली गई है।
कोरोना वायर के खतरे को देखते हुए रुद्रपुर जिला अस्पताल और काशीपुर के सरकारी अस्पताल में आईसोलेशन वॉर्ड बनाया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को पत्र लिखकर आईसोलेशन वॉर्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। नेपाल सीमा पर विषेश डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है जो नेपाल से भारत में दाखिल होने वाले यात्रियों की जांच कर रह हैं, ताकि ये सुनिश्चि किया जा सके कि वो इस जानलेवा बीमारी से ग्रसित नहीं हैं। पहले दिन 50 लोगों की जांच की गई थी। इनमें से किसी में भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं मिले। मंगलवार को दूसरे दिन भी जांच जारी रही।
कोरोना वायरस और इसके लक्षण क्या हैं:
कोरोना वायरस से ग्रसित व्यक्ति को सिरदर्द, खांसी, गले में खराश, बुखार, लगातार छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना, थकान महसूस होना, निमोनिया हो जाना या फेफड़ों में सूजन जैसे लक्षण हो सकते हैं। बूढ़े व्यक्तियों के लिए यह वायरस और घातक हो सकता है, क्योंकि जवान लोगों की तुलना में बूढ़े लोगों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है। विशेषज्ञों ने हाल ही में कोरोना वायरस के जीन अनुक्रम को डिकोड किया जिसे 2019-एनसीओवी का नाम दिया गया है। ऐस में इस तरह की दिक्कत महसूस होते ही डॉक्टर से मिलें। कोरोना वायरस को 1960 के दशक में पहली बार खोजा गया था। उसकी मुकुट जैसी आकृति की वजह से उसे कोरोना या क्राउन नाम दिया गया।