बागेश्वर के रहने वाले दिवाकर ने मत्स्य पालक की शुरुआत की। वो अब इससे महीने में डेढ़ लाख रुपये तक कमा रहे हैं।
कोरोना महामारी की वजह से देशभर में लगाए लॉकडाउन क चलते लाखों लोगों की नौकरी चली गई। कई लोगों को प्रदेश से घर वापसी करनी पड़ी। घर लौटने के बाद कई लोगों ने स्वरोजगार पर जोर दिया, जबकि कई ऐसे हैं जो लॉकडाउन खत्म होने के बाद वापस रोजगार की तलाश में प्रदेश के चले गए। बागेश्वर के रहने वाले दिवाकर भी उन्ही में से एक हैं, जिन्हें लॉकडाउन में घर लौटना पड़ा। यहां आने के बाद उन्होंने मत्स्य पालक की शुरुआत की। इस काम में उन्हें कामयाबी मिली और एक ही महीने में डेढ़ लाख रुपये की मछली बेच डाली है।
25 सितंबर से दिवाकर ने मछलियां बेचना शुरू किया। वो घर पर ही 300 रुपये किलो के हिसाब से मछलियां बेच रहे हैं। उन्होंने अब तक पांच क्विंटल मछलियां बेची हैं। दिवाकर ने बताया का आगे चलकर उनका प्लान बकरी पालन का भी है।
कैसे की स्वरोजगार की शुरुआत?
बागेश्वर के थुणाई गांव के रहने वाले दिवाकर नेगी फरीदाबाद में टायर रिपेयरिंग का काम करते थे। कोविड-19 की वजह से मार्च में वो घर लौट आए। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत उन्होंने मत्स्य पालन के लिए आवेदन किया। मत्स्य विभाग ने 80 हजार रुपये का लोन दिया। दिवाकर ने घर के पास तालाब बनवाया। मई में तालाब में मछली का बीज डाला और काम शुरू कर दिया।

