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दिल्ली पुलिस Vs वकील: इस आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारियों ने खत्म किया धरना

दिल्ली में पुलिस और वकीलों के बीच शुरू हुआ बवाल काफी मान मनौव्वल के बाद चौथे दिन थम गया है। प्रदर्शनकारियों की सभी मांगों को मान लिया गया है।

दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर सतीश गोलचा ने पुलिसकर्मियों से निवेदन किया कि वो अपनी ड्यूटी पर लौट जाएं। पुलिसवालों को आश्वासन दिया गया कि तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसा में जो भी पुलिसकर्मी घायल हुआ है उसे कम से कम 25 हजार रुपये मुआवजा दिया जाएगा। इससे पहले गृह मंत्रालय ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।  जिसमें 3 नवंबर को कोर्ट के आदेश को संशोधित करने की मांग की गई थी। गृह मंत्रालय का कहना है कि 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में वकील और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद की घटनाओं पर यह आदेश लागू न किया जाए। आपको बता दें कि अदालत ने पुलिस को वकीलों के खिलाफ सख्ती न बरतने का आदेश दिया था।

बड़ी तादाद में मंगलवार को पुलिसकर्मीं ITO स्थित पुलिस मुख्यालय पर सुबह से ही जुटे रहे और प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी अपने हाथों में पोस्टर लिए थे, जिसमें लिखा था कि यहां कमजोर नेतृत्व नहीं, बल्कि किरण बेदी की जरूरत है। इसके साथ ही कई और स्लोगन लिखे बैनर को लेकर पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन किया।

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में 2 नवंबर को और 4 नवंबर को साकेत कोर्ट और कड़कड़डूमा कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच झड़प हुई थी। इसमें करीब 20 पुलिसकर्मी और कुछ वकील घायल हुए थे। तीस हजारी कोर्ट में में पार्किंग को लेकर विवाद हुआ था। जिसके बाद हुई फायरिंग में 2 वकीलों को गोली लगी थी। तीस हजारी कोर्ट के पार्किंग एरिया में पुलिस वैन और वकील की गाड़ी की टक्कर के बाद विवाद शुरू हुआ था। वकीलों ने हवालात में घुसने की कोशिश की थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की न्यायिक जांच, दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड और घायलों के बयान दर्ज करने के निर्देश पुलिस कमिश्नर को दिए थे।

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