Blog

उत्तराखंड के चमोली जिले में फंसे सैकड़ों प्रवासी मजदूर, सरकार से घर भेजने की लगा रहे गुहार

देशभर में कोरोना लॉकडाउन का चौथा चरण जारी है। उत्तराखंड में जहां 22 मार्च से ही लॉकडाउन की घोषणा के बाद दिहाड़ी मजदूर बेहद परेशान हैं।

करीब दो महीने से जारी लॉकडाउन में ये मजदूर घरों में कैद हैं। वहीं निर्माण कार्य बंद होने के चलते कई दिहाड़ी मजदूरों, कामगारों के रोजगार पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। चमोली जिले के थराली क्षेत्र समेत नारायणबगड़, देवाल जैसे इलाको में सैकड़ो, हजारों की तादात में बिहारी और नेपाली मजदूर दैनिक मजदूरी के लिए यही अस्थायी तौर पर निवास करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना की मार के चलते इन मजदूरों की रोजी-रोटी में है। ऐसे में इन पहाड़ी क्षेत्रों में रह रहे मजदूरों को घर की चिंता सताने लगी है। सभी घर तो जाना चाहते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव और पास न बन पाने की वजह से ये मजदूर सिर्फ तहसील कार्यालय के ही चक्कर लंबे समय से काट रहे हैं।

इन दैनिक मजदूरों के पास लगभग दो महीने से रोजगार न होने के चलते रोजी-रोटी का संकट तो बना ही हुआ है, वहीं जानकारी के अभाव और इंटरनेट समेत एंड्रॉयड मोबाइल फोन न होने की वजह से यह मजदूर राज्य सरकारों की ई-पास सेवा का भी लाभ नही ले पा रहे हैं। ये मजदूर रोज तहसील कार्यालय पहुंचकर उपजिलाधिकारी के सामने अपना दुखड़ा रोते हैं, लेकिन अधिकारी भी करें तो क्या करें नियम से इतर केवल एक प्रार्थना पत्र पर भी राज्य से बाहर जाने की अनुमति भी नही दे सकते हैं। ऐसे में मीडिया से बातचीत में उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी ने भी जानकारी देते हुए कहा कि उनके हाथ बंधे हुए हैं। नियम से इतर वे इन मजदूरों को अनुमति नहीं दे सकते हैं। और ई पास के लिए इन मजदूरों को जानकारी का अभाव और एंड्रॉयड मोबाइल की अनुपलब्धता से ये आवेदन भी नही कर पा रहे हैं। ऐसे में शासन स्तर पर ऐसे मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए नियमों में शिथिलता बरतने की आवश्यकता है।

थराली नगर क्षेत्र में मजदूरी का काम करने वाले मदन दास, अमन कुमार, मनोज कुमार आदि मजदूरों ने बताया कि वे यहां भवन निर्माण का कार्य करते थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते उनका रोजगार ठप पड़ा हुआ है। जो कुछ जेब मे था उससे लॉकडाउन के दौरान खाने पीने में खर्च कर लिया अब वे घर जाना चाहते हैं। उनके साथ उन्हीं के गांव के लगभग 15 साथी और हैं। इन मजदूरों ने ये भी कहा कि बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश से भी काफी लोग यहां फंसे हैं। रोज तहसील के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें घर जाने की अनुमति नही मिल रही है।

(थराली मोहन गिरी की रिपोर्ट)

newsnukkad18

Recent Posts

गाजीपुर: सेवराई में धान खरीद को लेकर विवाद, ब्लैकलिस्टेड सोसाइटियों के चयन पर भड़के किसान

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की सेवराई तहसील में एक नवंबर से धान खरीद की…

5 hours ago

गाजीपुर: रेलवे की लापरवाही से अंधेरे में डूबा उसिया खास हाल्ट, सफाई व्यवस्था भी चरमराई

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में उसिया खास हाल्ट, जो कि दिलदारनगर जंक्शन और भदौरा…

5 hours ago

गाजीपुर: सड़क हादसे में जान गंवाने वाले सैफ को किया गया सुपुर्द-ए-खाक, जनाजे में उमड़ा जनसैलाब

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सेवराई तहसील क्षेत्र में सड़क हादसे में जान गंवाने…

1 day ago

गाजीपुर: सायर गांव में डकैती, महिला के हाथ-पैर बांधकर लूटी नकदी और गहने

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के गहमर कोतवाली क्षेत्र के सायर गांव में एक महिला…

1 day ago

गाजीपुर: सायर गांव में शराब दुकान पर मनमानी बिक्री,  नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सेवराई तहसील क्षेत्र के गहमर कोतवाली के सायर गांव…

1 day ago

गाजीपुर: नाबालिग से रेप का आरोपी 12 घंटे में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार, पैर में लगी गोली

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की गहमर पुलिस ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को…

1 week ago

This website uses cookies.