फोटो: सोशल मीडिया
पाकिस्तान को भारत के खिलाफ जमीनी स्तर पर सफलता नहीं मिली, तो उसने साइबर युद्ध छेड़ दिया, जिसे भारत ने पूरी तरह से नाकाम कर दिया है। वहीं, पहलगाम हमले की बात करें तो इसकी जड़ में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा दिया गया भड़काऊ और भारत विरोधी बयान है।
मुनीर ने इस्लामाबाद में 16 अप्रैल को प्रवासी पाकिस्तानियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए भड़काऊ बातें कही थीं। इसके दो दिन बाद, 18 अप्रैल को, पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के खैगला, रावलकोट में लश्कर-ए-तैयबा के एक नेता ने भारत विरोधी जहरीला भाषण दिया, जिसमें भारतीय सेना द्वारा मारे गए दो आतंकवादियों का बदला लेने की धमकी दी गई। इस बयानबाजी के बाद ही लश्कर के ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने भारत के पहलगाम में 22 अप्रैल को 26 निर्दोष भारतीय पर्यटकों की नृशंस हत्या की।
रक्षा सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी साझा की। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, भारत ने मंगलवार को डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) की हॉटलाइन बातचीत में पाकिस्तान को चेतावनी दी है।
दरअसल, टीआरएफ, लश्कर-ए-तैयबा का ही दूसरा नाम है, जो पाकिस्तान की सैन्य-खुफिया एजेंसी आईएसआई के संरक्षण में काम करता है। यह हमला कोई अकेली घटना नहीं थी, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी ताकि भारत में डर और अस्थिरता फैलाई जा सके।
पिछले सप्ताह, पाकिस्तानी साइबर ऑपरेटरों ने भारतीय सैन्य वेबसाइट्स जैसे आर्मी नर्सिंग कॉलेज, आर्मी पब्लिक स्कूल, आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन, आर्मी वेलफेयर प्लेसमेंट ऑर्गनाइजेशन आदि को निशाना बनाया। हालांकि, वे भारतीय सेना की मुख्य साइबर सुरक्षा प्रणाली को भेद नहीं पाए, लेकिन बच्चों, महिलाओं और पूर्व सैनिकों से जुड़ी वेबसाइट्स पर हमला करके पाकिस्तान ने अपनी रणनीतिक सोच की नैतिक गिरावट को उजागर किया है।
आतंकवाद, सीमा पर आक्रामकता और साइबर हमले पाकिस्तान की राज्य-प्रायोजित दुश्मनी का प्रमाण हैं। भारत ने इन उकसावेपूर्ण कार्यों के बावजूद संयम और परिपक्वता का परिचय दिया है। दुनिया के कई देशों ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है। हमले के बाद पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इस घटना को “फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन” बताकर भारत पर ही आरोप लगाने की कोशिश की। लेकिन, पाकिस्तान के ही रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने 26 अप्रैल को एक ब्रिटिश न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में यह स्वीकार कर लिया कि पाकिस्तान पिछले 30 वर्षों से आतंकवाद को समर्थन दे रहा है।
जहां दुनिया ने इस हत्याकांड की कड़ी निंदा की, वहीं पाकिस्तान ने एक और कदम आगे बढ़ाते हुए 29 अप्रैल को जम्मू के परगवाल सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन किया। अप्रैल महीने में पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर अकारण फायरिंग और घुसपैठ की घटनाएं भी बढ़ गई हैं।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस वर्ष अब तक पाकिस्तान ने 15 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है, 2,651 बार छोटे हथियारों से फायरिंग की है और 3 बार घुसपैठ की कोशिश की है, जिसमें 7 आतंकवादी मारे गए। भारत ने हर बार संयम दिखाया लेकिन प्रभावशाली जवाब भी दिया है। इसी क्रम में, पुंछ में भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच दो फ्लैग मीटिंग्स आयोजित की गईं, जिनमें भारत ने पाकिस्तानी सेना को चेताया कि वह घुसपैठ और सीजफायर उल्लंघन से बाज आए। साथ ही, दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच हर मंगलवार को होने वाली हॉटलाइन बातचीत में भी भारत ने अपनी चेतावनी स्पष्ट रूप से दी है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की सहनशीलता की परीक्षा ली जा रही है, लेकिन संयम को कमजोरी समझना भूल होगी। पाकिस्तान की दोहरी नीति अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर हो चुकी है। भारत अगला कदम सोच-समझकर, सच्चाई, वैश्विक समर्थन और अपनी जनता की रक्षा की अटूट प्रतिबद्धता के साथ उठाएगा।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के देवैथा गांव के सलमान खान ने U-19 फुटबॉल नेशनल टूर्नामेंट…
Ghazipur flood: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में बाढ़ से बेहाल लोगों के लिए राहत…
Uttarkashi Disaster Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में मंगलवार को आई प्राकृतिक आपदा…
देश में सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सालों से संघर्षरत वरिष्ठ समाजसेवी…
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सेवराई तहसील क्षेत्र के बारा न्याय पंचायत के तहत…
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की पांच ग्राम पंचायतों में बहुउद्देशीय पंचायत भवन का निर्माण…
This website uses cookies.