केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने लिए कई बड़े फैसले, छात्रों के लिए अच्छी खबर! जानें फैसले में क्या है खास
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बोर्ड परीक्षाओं के विषय में कई अहम फैसले लिए हैं। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सिलेबस लाएगी।
परीक्षाओं का आयोजन करने से पहले छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की राय पूछी जाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, “ये फैसला लिया गया कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी विभिन्न बोर्डों की मौजूदा परिस्थिति का आकलन करेगी और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सिलेबस लाएगी। ये भी तय किया गया कि अगले साल परीक्षा का आयोजन कब और कैसे किया जाए, इस विषय पर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के विचार जानने के लिए शिक्षा मंत्रालय एक अभियान चलायागा।”
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शिक्षा मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रम पर एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक ली। इसमें शिक्षा सचिव अमित खरे, स्कूल शिक्षा सचिव अनिता करवाल और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। शिक्षा मंत्री निशंक ने यूजीसी को निर्देश दिया कि सभी छात्रवृत्ति सुनिश्चित की जाएं। फेलोशिप समय पर वितरित की जाएं और इसके लिए एक हेल्पलाइन शुरू की जाए। उन्होंने ये भी निर्देश दिया कि छात्रों की सभी शिकायतों का तत्काल निवारण किया जाए।
इस दौरान तकनीकी शिक्षा शुरू करने के लिए एक मौलिक निर्णय लिया गया, विशेष रूप से मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने वाले इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम अगले शैक्षणिक वर्ष से खोले जाएंगे। कुछ आईआईटी और एनआईटी को इसी प्रकार की तकनीकी शिक्षा के लिए सूचीबद्ध किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मंत्रालय के सभी अधिकारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास और देश में शिक्षा प्रणाली के परिवर्तन को प्राप्त करना है।”
इससे पहले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा लिए गए एक निर्णय के मुताबिक 12वीं कक्षा के प्रैक्टिकल जनवरी से शुरू होकर फरवरी तक लिए जा सकते हैं। यह केवल एक संभावित तिथि है। सीबीएसई ने कहा है कि सही तिथि की सूचना बाद में दी जाएगी। इसके लिए सभी स्कूलों को एक ऐप और उसका लिंक उपलब्ध करवाया जाएगा। इस एप पर स्कूलों को प्रैक्टिकल के दौरान ली गई छात्रों की फोटो भी अपलोड करनी होगी। फोटो में स्टूडेंट्स, ऑबजर्वर, बाहर से आए एग्जामिनर और स्कूल के एग्जामिनर होंगे।
बोर्ड ने परीक्षा के आयोजन को लेकर एक एसओपी तय की है। प्रैक्टिकल के लिए स्कूलों को अलग-अलग तिथि भेजी जाएगी। इसमें बोर्ड का ऑबजर्वर नियुक्त किया जाएगा। यह ऑबजर्वर, प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट मूल्यांकन की निगरानी करेगा।