उत्तराखंड में कोरोना महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन की मार अलग-अलग तबकों और कारोबार पर पड़ी है।
एशिया का सबसे बड़ा मोटर्स यूनियन, जिसका 1939 में गठन कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड के नाम से किया गया था। उत्तराखंड के पर्वतीय अंचलों में अपनी सेवा दी है। वर्तमान में इसमें 400 बसें हैं, जिसमे 160 कर्मचारी और 1000 के आसपास चालक परिचालक कार्यरत हैं। वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन की मार झेल रहा है। अलमोड़ा में लगभग 100 बसों का संचालन होता है। पिछले ढाई महीने से जारी लॉकडाउन के कारण इनका संचालन बन्द पड़ा है, जिसका असर बस मालिको को पड़ रहा है।
आलम ये है कि बस मालिकों में हताशा का माहौल बना हुवा है। उनका कहना है कि एक महीने में उनको टैक्स और कर्मचारियों के वेतन के भी लाले पड़ने लगे हैं। उनका कहना है कि बैंक की क़िस्त टैक्स कर्मचारियों का वेतन 40 से 50 हजार प्रति माह जाता है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इंसोरेंस और टैक्स में उनको रियायत दी जाय। अगर ऐसा नही हो पाया तो उनको सभी बसों को सरेंडर करना पड़ेगा।
(अल्मोड़ा से हरीश भंडारी की रिपोर्ट)
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