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जेट एयरवेज अब कभी ‘टेक ऑफ’ नहीं कर पाएगी?

कर्ज में डूबी जेट एयरवेज के विमान अब दोबारा उड़ान भर पाएंगे, इसके आसार लगभग खत्म हो गए हैं। NCLT ने जेट एयरवेज को दिवालिया घोषित करने की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अर्जी को स्वीकार लिया है

SBI ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण यानि NCLT में जेट एयरवेज के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड की धारा 7 के तहत दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी दाखिल की थी। NCLT ने रिजॉल्यूशन पेशेवरों को दिवालिया प्रक्रिया को 3 महीने में पूरा करने का निर्देश दिया है। केस की अगली सुनवाई अब 5 जुलाई को होगी।

गौरतलब है कि SBI की अगुवाई में बैंकों के ग्रुप ने जेट एयरवेज के भविष्‍य को लेकर मीटिंग की थी। इसमें एयरलाइन को फिर खड़ा करने की अपनी ओर से की जा रही कोशिश छोड़ दी गई थी। मीटिंग में ये भी फैसला हुआ कि बैंकों को अपना फंसा हुआ कर्ज रिकवर करने के लिए जेट एयरवेज को दिवालिया घोषित कराना होगा और इसके लिए वो NCLT में अर्जी देंगे।

आपको बता दें कि कुछ वक्त पहले जेट एयरवेज को जिंदा करने की कोशिश की गई थी। एतिहाद-हिंदुजा ने एयरलाइन को कर्ज से उभारने के लिए रुचि दिखाई, लेकिन उसकी तरफ से कोई पुख्ता प्रस्ताव नहीं आया। इसी वजह से बैंकों की सोमवार को हुई बैठक में एयरलाइन के मामले को एनसीएलटी में भेजने का फैसला किया गया था। गुरुवार को बैंकों की ये मांग मान ली गई।

जेट एयरवेज से बैंकों को 8 हजार करोड़ रुपये की वसूली करनी है। कंपनी के कर्मचारियों को कई महीने से वेतन भी नहीं मिला है। आपको बता दें कि एयरलाइन के कुछ घरेलू स्लॉट सरकार ने दूसरी विमानन कंपनियों को दे दिए हैं। जबकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी उसके कुछ स्लॉट दूसरी एयरलाइन को दिए गए हैं। जेट एयरवेज की उड़ान 17 अप्रैल से ही बंद है।

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