सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन द्वारा राम मंदिर का नक्शा फाड़े जाने की चारों तरफ कड़ी आलोचना हो रही है।
राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य रामविलासदास वेदान्ती ने राजीव धवन की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि राजीव धवन ने ऐसा करके देश की एक सौ तीस करोड़ की जनता का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि मामले में फैसला आने के बाद जनता धवन को खुद कानूनी तरीके से जवाब देगी।
वेदान्ती ने कहा कि राम जन्मभूमि विवाद पर अदालत के फैसले के बाद राजीव धवन को देख लेंगे। उन्होंने ये भी कहा राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने के लिए मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने समझौते की पेशकश की है, जिसमें ये भी कहा गया है कि काशी और मथुरा में मस्जिद बनाने की इजाजत दी जाय। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम के नाम पर मंदिर है, मोहल्ला है, सड़क है। पूरी अयोध्या राम के नाम पर है, लेकिन बाबर के नाम पर अयोध्या में ना तो कोई मोहल्ला है और न ही कोई सड़क। उन्होंने कहा कि कहने का मतलब ये है कि बाबर का नाम पर यहां पर कुछ भी नहीं है।
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