भारत के चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को लेकर अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने बड़ा दावा किया है। NASA ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि उसके लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर (एलआरओ) ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को ढूढ़ लिया है।
NASA के दावे के मुताबिक चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा उसके क्रैश साइट से 750 मीटर दूर मिला है। नासा ने विक्रम लैंडर की लैंडिंग साइट की तस्वीर ट्वीट की है। तस्वीर में नासा ने उस स्पॉट को दिखाया है जहां पर लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई थी। इस तस्वीर को नासा के लूनर ऑर्बिटर के जरिए लिया गया है। तस्वीर में लैंडर के बिखरे टुकड़ों को दर्शाया गया है। इसके साथ साथ लैंडर की हार्ड लैंडिंग से चांद की मिट्टी पर इम्पैक्ट को भी दिखाया गया है।
आपको बता दें कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने विक्रम के बारे में सूचना देने की उम्मीद जताई थी, क्योंकि उसका लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर (एलआरओ) उसी जगह के ऊपर से गुजरने वाला था, जिस जगह पर भारतीय लैंडर विक्रम के गिरने की उम्मीद जताई गई थी। NASA ने दावा किया था कि उसका LRO 17 सितंबर को विक्रम की लैंडिंग साइट से गुजरा था और उस इलाके की हाई-रिजोल्यूशन तस्वीरें पाई थी।
आपको बता दें कि भारत के भारी रॉकेट, जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हिकल-मार्क 3 ने 22 जुलाई को चंद्रयान-2 को अंतरिक्ष में लॉन्च किया था। चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान में तीन हिस्से थे। ऑर्बिटर (2,379 किलोग्राम, आठ पेलोड), विक्रम (1,471 किलोग्रमा, चार पेलोड), और प्रज्ञान (27 किलोग्राम, दो पेलोड)। चंद्रयान-2 को तैयार करने की लागत करीब 978 करोड़ रुपये आई थी। चंद्रयान-2 के लॉन्च के वक्त पीएम मोदी खुद वहां मौजूद थे और उन्होंने वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई की थी।
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