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उत्तराखंड का एक बार फिर सम्मान हुआ। एक बार फिर देश ने पहाड़ के लोगों की काबिलियत का लोहा माना है। जनरल बिपिन रावत के देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बन गए हैं।
रावत अब तीनों सेनाओं की कमान संभालेंगे। बतौर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ उनका काम तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बिठाना होगा। आपको बता दें कि सीडीएस का पद 4 स्टार रैंक के बराबर होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2019 में 15 अगस्त को इस पद का ऐलान किया था।
सीडीएस पद के लिए जनरल बिपिन रावत का नाम सबसे आगे चल रहा था। सीडीएस के लिए अधिकतम आयु सीमा 65 साल है। हालांकि, कार्यकाल कितने साल का होगा, यह अभी साफ नहीं किया गया है। सीडीएस के अंतर्गत थल सेना, नौसेना और वायु सेना के अलावा प्रादेशिक सेना भी होगी। सीडीएस का काम सेनाओं की खरीद, प्रशिक्षण और स्टॉफ की नियुक्ति की प्रक्रिया में तालमेल करना होगा। इसके साथ ही सैन्य कमानों के पुनर्गठन और थिएटर कमानों के गठन का कामहोगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ ही तीनों सेनाओं के प्रमुखों की कमेटी के स्थायी अध्यक्ष होंगे। इसके साथ ही वह रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार होंगे। तीनों सेनाओं के प्रमुख अपने-अपने मामलों में रक्षा मंत्री को सलाह देना जारी रखेंगे। हालांकि, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ तीनों सेनाओं के आपरेशनल मामले नहीं देखेंगे।
कौन है जनरल बिपिन रावत?
जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के रहने वाले हैं। उनका जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था। उनके पिता पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रहे चुके हैं। रावत की पढ़ाई कैंब्रियन हॉल स्कूल, देहरादून। सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला, नेशनल डिफेंस अकेडमी, खडकवासला और इंडियन मिलिट्री अकेडमी देहरादून से की है। बिपिन रावत ने मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस स्टडीज में एमफिल, मैनेजमेंट में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया है।
कब तक इस पद पर रहेंगे?
सीडीएस के लिए अधिकतम आयु सीमा 65 साल है। जनरल बिपिन रावत 2023 में 65 साल के होंगे। इस लिहाज से उनके पास सीडीएस पद पर रहने के लिए कम से कम 3 साल का समय है। इससे पहले वो 31 दिसंबर 2016 को थल सेना प्रमुख बने थे। रावत दिसंबर 1978 में कमीशन ऑफिसर (11 गोरखा राइफल्स) बने। उन्हें पूर्वी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा, कश्मीर घाटी और पूर्वोत्तर में कामकाज का अनुभव रहा।
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