जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद वहां लगी पाबंदी हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने गलत ढंग से याचिका दाखिल की है।
कोर्ट ने मामले में दखल देने से इनकार कर दिया और कहा कि सरकार पर भरोसा करना चाहिए। कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने सबसे बड़ी अदालत में याचिका दायर कर जम्मू-कश्मीर से धारा 144 हटाने, फोन-इंटरनेट और न्यूज चैनल पर लगे प्रतिबंध हटाने की भी मांग की थी।
सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार की तरह से पेश अटॉर्नी जनरल से पूछा कि प्रदेश में प्रतिबंध कब तक जारी रहेंगे। अटॉर्नी जनलर ने कहा कि वहां हालात बहुत संवेदनशील है और प्रतिबंध सभी के हित में है। हम हर दिन हालात की समीक्षा कर रहे हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई दो हफ्ते के लिए यह कहते हुए टाल दिया कि हम देखते हैं वहां क्या होता है? जवाब में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 2016 में इसी तरह के हालात सामान्य होने में 3 महीना लग गया था। सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द हालात पर काबू पाया जा सके।
आपको बता दें कि पूनावाला ने मांग की कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे बड़े नेताओं को रिहा किया जाए। इसके साथ ही जमीनी हकीकत की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाए। केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है।
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