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केरल: थिरुनेली मंदिर में पूजा के बाद भावुक हुए राहुल गांधी, कहा- यहीं विसर्जित की गई थीं मेरे पिता की अस्थियां

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल के वायनाड के सुल्तार बैटरी में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मैं यहां राजनेता के रूप में खड़ा नहीं हूं, बल्कि एक बेटा, भाई और एक दोस्त के रूप में खड़ा हूं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैंने यहां से लड़ने का फैसला किया, ताकि ये संदेश दिया जा सके कि दक्षिण भारत भी अन्य जगहों जितना अहम है। मैं वायनाड से ऐसा रिश्ता चाहता हूं जो हमेशा रहे। राहुल गांधी ने कहा, “मुझे आपकी सभी परेशानियों के बारे में पता है और मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा नहीं हूं और कभी भी झूठे वादे नहीं करता हूं। मैं उनसभी का धन्यवाद करना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे यहां से चुनाव लड़ने का मौका दिया।”

वंडूर में लोग भारी बारिश के बाद भी उन्हें सुनने के लिए इकट्ठे हुए थे। कुछ लोगों ने सुरक्षा अधिकारियों के साथ तीखी बहस की, लेकिन जैसे ही राहुल यहां पहुंचे और बोलना शुरू किया, लोग शांत हो गए।

राहुल गांधी इससे पहले अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की स्मृति में यहां थिरुनेली मंदिर में ‘बेलि तर्पणम’ किया। पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि केरल के अपने पिछले दौरे के दौरान राहुल ने मंदिर आने और पूजा करने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि, विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) ने सुरक्षा कारणों से ऐसा नहीं करने दिया था।

सफेद धोती और अंगवस्त्रम पहने राहुल सुबह देवासम गेस्ट हाउस से मंदिर गए। उन्होंने मंदिर के पुजारियों के निर्देशन में पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। वह पुजारियों के साथ बाद में करीब 700 मीटर की दूरी पर उस स्थान पर भी गए, जहां उनके पिता की अस्थियां 30 मई, 1991 को विसर्जित की गई थीं।

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