RBI के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आचार्य 2017 में आरबीआई से जुड़े थे और अपना कार्यकाल पूरा होने से 6 महीने पहले ही पद छोड़ दिया।
7 महीने में ये आरबीआई को दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले दिसंबर में RBI गवर्नर उर्जित पटले ने निजी कारण बताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में विरल आचार्य ने आबीआई की स्वायत्ता पर सवाल उठाया था। उस वक्त आचार्य ने कहा खा कि जो सरकार केंद्रीय बैंक की स्वायत्ता से समझौता करती है उसे बाजार का गुस्सा झेलना पड़ता है।
मोदी सरकार के कार्यकाल में इकोनॉमी के लिहाज से कुछ महीनों में तीसरा बड़ा झटका है। क्योंकि पहले कार्यका के दौरान उर्जित पटेल ने इस्तीफा दिया था। उससे पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्हमण्यम ने जुलाई 2018 में निजी कारण बताते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। अब विरल आचार्य ने इस्तीफा दे दिया है। खबरों के मुताबिक आचार्य इस्तीफे के बाद एक बार फिर टीचिंग करेंगे। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बनने से पहले भी वो न्यूयॉर्क यूनिवर्सटी में ही इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर थे। अब भी वहीं जाकर टीचिंग करेंगे।
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