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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ NDA में उठे विरोध के सुर

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली से असम तक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। नॉर्थ-ईस्ट के कई इलाकों में तो जोरदार प्रदर्शन हो रहा है। शुक्रवार को दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने प्रदर्शन किया है।

अब इस बिल के खिलाफ विरोध के सुर बीजेपी के सहयोगी पार्टियों के भीतर से भी उठने लगे हैं। गोवा में बीजेपी की सहयोगी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ प्रदेश के मरगांव में प्रदर्शन किया। जीएफपी के प्रमुख और पूर्व उपमुख्यमंत्री विजय सरदेसाई और पार्टी की राज्य कार्यकारिणी के दूसरे सदस्यों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। दौरान सरदेसाई ने कहा कि उनकी पार्टी सांप्रदायिक सौहार्द, समावेश और प्रगतिशीलता का समर्थन करती है। जीएफपी ऐसा किसी भी कानून का विरोध करती है जो किसी भी समुदाय में असुरक्षा की भावना पैदा करता है।

आपको बता दें कि इस बिल का आम लोगों के साथ ही कई प्रदेशों की सरकारें भी कर रही हैं। कई सूबों की सरकारों ने इस बिल को अपने प्रदेश में लागू करने से इनकार कर दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह इस कानून को अपने प्रदेश में लागू नहीं होने देंगी। पंजाब के मु्ख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के ऑफिस की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि, ”नागरिकता संशोधन कानून भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर सीधा हमला है। इस कानून को उनकी सरकार अपने राज्य में लागू नहीं होने देगी।”

केरल के मुख्यमंत्री सीएम पिनरई विजयन ने इस संशोधन को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार भारत को धार्मिक आधारों पर बांटने की कोशिश कर रही है। मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने कहा कि उनकी सरकार इस बिल को अपने यहां लागू करने में जल्दबाजी नहीं करेगी। वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी कहा कि वो विचार करने के बाद इस बिल को लागू करने पर कोई फैसला लेंगे।

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