नौसेना के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव के मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती हो गई है।
इंटरनेशनल कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव दीपक मित्तल और पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान आमने-सामने आए। अनवर मंसूर ने मित्तल की तरफ हाथ बढ़ाया, लेकिन उन्होंने हाथ जोड़कर इस मुलाकात को टाल दिया। इससे पहले भी सुनवाई के दौरान आतंकी हमलों के मद्देनजर भारतीय अधिकारियों ने पाक अफसरों से हाथ नहीं मिलाया था।
अदालत में सुनवाई के दौरान भारत ने पाकिस्तान को घेरा। दीपक मित्तल और हरीश साल्वे ने भारत का पक्ष रखा और पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश कर दिया। हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है और 13 बार गुजारिश करने के बावजूद कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस नहीं दिया। दोनों ने ही कुलभूषण जाधव को निर्दोष बताया।
साल्वे ने अदालत में कहा कि सुनवाई के दौरान पाकिस्तान ने कानूनी प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों को भी पूरा नहीं किया। इसे ‘गैरकानूनी’ घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान का आचरण इस बात का भरोसा नहीं दिलाता कि जाधव को वहां इंसाफ मिल सकता है। साल्वे ने पड़ोसी मुल्क पर आरोप लगाया कि वह भारत के खिलाफ चलाए जा रहे अपने प्रॉपगेंडा के लिए ग्लोबल प्लैटफॉर्मस का इस्तेमाल कर रहा है।
क्या है मामला?
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी को पाकिस्तान की सेना ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद वहां की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में जाधव को मौत की सजा सुनाई थी।
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