बदरीनाथ-केदारनाथ धाम के रावल उत्तराखंड के लिए रवाना, पूजा करा पाने पर फिर भी सवाल
कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार बदरीना और केदारनाथ में पूजा कराना भी मुश्किल हो रहा है। पहले सरकार ने ये फैसला किया कि इस बार की पूजा ऑनलाइन कराई जाए।
जिसका काफी विरोध हो रहा है। अब खबर है कि दोनों धामों के रावल उत्तराखंड के लिए रवाना हो चुके हैं। इनके जल्द ही पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन इनके पहुंचने के बाद भी पूजा करा पाने पर सवाल है। क्योंकि केदारनाथ धाम के कपाट 29 और बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलेगा। लॉकडॉउन के नियम के मुताबिक प्रदेश के बाहर से आने वालों को कम से कम 14 दिन क्वारंटीन करना है। दिक्कत ये है कि कपाट खुलने तक ये वक्त पूरा नहीं होगा। ऐसे में सवाल है कि फिर पूजा कैसे होगी और कौन कराएगा। आपको बता दें कि कपाट खुलने के समय होनी वाली मुख्य पूजा रावल ही कराते हैं।
धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज के मुताबिक दोनों रावलों के पहुंचने सबसे पहले उनका कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। इसके बाद सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। स्वास्थ्य परीक्षण और टेस्ट निगेटिव होने पर ही रावल पूजा में शामिल हो पाएंगे। आपको बता दें कि चारधाम यात्रा की शुरुआत ही कपाट खुलने के साथ होती है। इस वक्त कपाट ऐसे वक्त में खुल रहा है जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है।
सतपाल महाराज ने कहा है कि लोगों को सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन भी करना होगा और पंरपराओं को भी निभाना होगा। इसके लिए लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार हर हाल में पंरपरा का पालन करते हुए कपाट खुलवाने की कोशिश कर रही है।