कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रुड़की जेल से कई कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था।
बताया जा रहा है कि ज्यादातर कैदियों की पैरोल पूरी हो चुकी है। बावजूद इसके कैदी वापस जेल नहीं आ रहे हैं। यही वजह है कि जेल प्रशासन और पुलिस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जेल प्रशासन ने ऐसे कैदियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस-प्रशासन को खत लिखा है।
जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदियों की संख्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सात साल से कम सजा पाने वाले कैदियों को पैरोल पर छोड़ दिया। ताकि जेल में बंद कैदियों को कोरोना संक्रमण ने बचाया जा सके। तब रुपड़की के उप-कारागार ने भी ऐसे कैदियों को पैरोल पर छोड़ दिया था।
जेल से 7 सजायाफ्ता और 64 विचाराधीन कैदियों को पैरोल पर छोड़ दिया गया था। इन सभी की पैरोल की समय सीमा पूरी हो चुकी है। सिर्फ एक ही कैदी वापस आया है। ऐसे में जेल प्रशासन में मुश्किलें बढ़ गई हैं।
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