गरीबों को कम से कम पैसे में इलाज देने और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने जगह-जगह औषधि केंद्र खोले, लेकिन सरकार की इस स्कीम पर डॉक्टर्स की पलीता लगा रहे हैं।
डॉक्टरों की लापरवाही मरीजों पर भारी पड़ रही है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा में भी ऐसी ही लापरवाही सामने आई है। यहां अस्पताल के डॉक्टर मरीजों को बाजार की महंगी दवाइयां लिख रहे हैं। नतीजा ये कि जन औषधि केंद्र में हर साल लाखों की दवाइयां एक्सपायर हो रही है।
अल्मोड़ा में लोगों का आरोप है कि जिला अस्पताल में बार-बार शिकायत करने के बावजूद कई डॉक्टर जन औषधि केंद्र की दवाएं नहीं लिख रहे हैं। जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र के फार्मासिस्ट सुभम दुर्गापाल का कहना है कि अस्पताल में उसी सॉल्ट की दवाई मौजूद होने के बाद भी डॉक्टर्स मरीजों को बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। जबकि बाहर के मुकाबले यहां पर दवाएं काफी सस्ती हैं.
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