फोटो: सोशल मीडिया
कड़ाके की ठंड में पहाड़ों पर जबरदस्त बर्फबारी हो रही है। मैदानी इलाकों में सर्दी सितम ढा रही है।
ऐसे मौसम में चंपावत में पिछले 5 दिनों ने चटक धूप निकली है। इस मौसम के बदले मिजाज से यहां लोग हैरत में हैं। दिन में चटक धूप खिलने से जहां लोगों को ठिठुराती ठंड से राहत मिल रही है, वहीं सुबह-शाम गिरने वाले पाले में भी कमी आई है। इसके ठीक उलट जिले के मैदानी क्षेत्र टनकपुर-बनबसा में कोहरे की ठंड ने आफत मचाई हुई है। जानकारों का मानना है कि यह स्थिति भविष्य के लिए खतरे का संकेत है।
पिछले साल 9 जनवरी को जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई थी, वहीं इस साल अब तक एक बार भी हिमपात के आसार नहीं बने हैं। पिछले साल 12 जनवरी को चंपावत का न्यूनतम तापमान दो और अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस था। वहीं इस साल 12 जनवरी को न्यूनतम तापमान छह डिग्री और अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वैज्ञानिकों को मानना है कि बरसात नहीं होने के कारण जहां भूमिगत जल स्रोत रिचार्ज नहीं हो पाए है। इसका असर आने वाले समय में पेयजल संकट के रूप में सामने आ सकता है।
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