बागेश्वर में आयुर्वेदिक अस्पतालों की हालत कैसी है?
आयुर्वेद के इलाज को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र सरकार हर शहर में आयुर्वेदिक अस्पताल खोलने का प्लान कर रही है।
इसी कड़ी में उत्तराखंड के कई जिलों में आयुर्वेदिक अस्पताल खोले भी गए हैं। लोगों से आयुर्वेदिक इलाज कराने की अपील भी की गई है, लेकिन आयुर्वेदिक अस्पतालों में सुविधाओं और संसाधनों को बढ़ाने पर जोर नहीं दिया जा रहा, जिसका नतीजा ये है कि लोग इलाज के लिए अस्पतालों का रुख तक नहीं करते।
स्थानीय लोगों के मुताबिक बागेश्वर के कई अस्पतालों ने तो आज तक डॉक्टरों के दर्शन तक नहीं किए हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों की तैनाती न होने से लोगों में निराशा है। बागेश्वर जिले में 18 आयुर्वेदिक अस्पताल हैं। जिनके लिए डॉक्टरों के 36 पद स्वीकृत हैं, लेकिन फिलहाल सिर्फ नौ पदों पर नियमित और सात संविदा डॉक्टर ही नियुक्त हैं। 20 डॉक्टरों के पद अब भी खाली चल रहे हैं। जिला अस्पताल के आयुष विंग में दो डॉक्टर तैनात हैं। इसके अलावा चामी, चौरा, कन्यालीकोट, मजियाखेत, लौबांज, रातिरकेटी और जखेड़ा में नियमित डॉक्टरों की तैनाती की गई है।