छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद रविवार को राजभवन पहुंचकर सरकार गठन करने का दावा पेश किया। बघेल सोमवार को सीएम पद की शपथ लेंगे।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भूपेश बघेल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी। राज्यपाल के प्रतिनिधि के तौर पर राज्यपाल के सचिव सुरेंद्र कुमार जायसवाल ने बघेल का दावापत्र ग्रहण किया। उसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 17 दिसंबर की शाम 4:30 बजे भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया।
इस आशय का पत्र राज्यपाल के सचिव जायसवाल ने भूपेश बघेल को सौंपा है। बघेल के साथ नवनिर्वाचित विधायक रवींद्र चौबे, सत्यनारायण शर्मा, अमितेश शुक्ल, रामपुकार सिंह, मोहम्मद अकबर, मनोज मंडावी, कवासी लखमा, शिवकुमार डहरिया, अमरजीत भगत, विकास उपाध्याय, देवेंद्र यादव और कई अन्य विधायक भी थे।
इससे पहले, राजीव भवन स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री पद के लिए भूपेश बघेल के नाम की औपचारिक घोषणा की।खड़गे ने कहा कि बघेल सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खड़गे ने कहा, “बघेल को विधायक दल का नेता चुना गया है। सभी विधायकों ने एक स्वर में कहा है कि राहुल गांधी जिसे चुनेंगे वही हमारा नेता होगा। सभी से चर्चा के बाद नाम पर आम सहमति बनी। हम सभी को विश्वास है कि भूपेश बघेल सबको साथ लेकर चलेंगे।”
उन्होंने कहा कि सोमवार 17 दिसंबर को भूपेश बघेल रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। कोई नेता बड़ा या छोटा नहीं होता, सभी बराबर होते हैं। खड़गे ने कहा कि सोमवार को सिर्फ मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण करेंगे। बाद में बैठकर मंत्रियों के नाम तय किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ की 2.55 करोड़ की आबादी में 52 फीसदी लोग ओबीसी समुदाय के हैं। उनके बीच बघेल धाकड़ नेता माने जाते हैं। पांचवीं बार विधायक बने बघेल ने कहा, “मैं 10 दिनों के भीतर किसानों का बैंक कर्ज माफ करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री लेने वाले बघेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार बस्तर में नक्सलियों के साथ सांठगांठ कर कांग्रेस को खत्म करने के लिए मई, 2013 में झीरम घाटी से गुजरते काफिले पर हमला करवाए जाने की एसआईटी जांच करवाएगी और साजिश का पर्दाफाश करेगी।
उन्होंने कहा, “झीरम घाटी में हमारे वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा सहित 25 के लगभग कांग्रेस नेताओं की जान ले ली गई। आज हम इन शहीदों को बड़े शिद्दत से याद करते हैं और प्रदेश को भरोसा दिलाते हैं इनकी शहादत को हम बेकार नहीं जाने देंगे।”
एक किसान परिवार से ताल्लक रखने वाले बघेल की छवि जुझारू नेता की रही है। उन्होंने सधी हुई रणनीति से कड़े मुकाबले में 90 में से 68 सीटें अपनी पार्टी को दिलाकर 15 साल से राज्य की सत्ता पर काबिज बीजेपी की रमन सिंह सरकार को पटखनी दे दी है।
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