महाराष्ट्र में सरकार बनाने का पेच फंस गया है। आज पूरे दिनभर की गहमागही के बावजूद कुछ भी फाइनल नहीं हो पाया। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनकी नेताओं के साथ बातचीत जारी है। अब कल इस पर आगे की बातचीत होगी।
इससे पहले आज आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए दो दिनों का और वक्त मांगा, लेकिन सरकार ने वक्त देने से मना कर दिया। इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि वो अब भी सरकार बनाना चाहते हैं और इसी को लेकर एनसीपी और कांग्रेस से बातचीत चल रही है।
इससे पहले आज पूरे दिन गहमागहमी रही। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने अपने-अपने नेताओं के साथ चर्चा की। कांग्रेस ने अपने विधायकों को राजस्थान में एक रिजॉर्ट में ठहराया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोनिया गांधी ने कांग्रेस विधायकों से बातचीत के बाद ही शिवसेना को समर्थन देने का फैसला किया।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र चुनाव में शिवसेना को 56, एनसीपी के 54 और कांग्रेस को 44 सीटें हैं। तीनों पार्टियों के विधायकों को मिलाकर 154 विधायक होता हैं जो बहुमत से 9 ज्यादा हैं। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों से समर्थन की जरूरत होती है।
30 साल में दूसरी बार टूटा ‘रिश्ता’
बीजेपी और शिवसेना का रिश्ता 30 साल पुराना है। दोनों पार्टियों के बीच 1989 में गठबंधन हुआ था। 1990 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ लड़ा था। हालांकि 2014 विधानसभा चुनाव से पहले दोनों दल अलग हो गए थे। दोनों दलों ने चुनाव भी अलग लड़ा। हालांकि, बाद में सरकार में दोनों साथ रहे। भाजपा-शिवसेना 30 साल में दूसरी बार अलग हुए हैं।
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