आईसीसी वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले टीम इंडिया को वर्ल्ड कप जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। पूरे टूर्नामेंट के दौरान अपने प्रदर्शन से भारतीय खिलाड़ियों ने ये दिखाया भी कि उनमें क्षमता है सबसे बड़े टूर्नामेंट को एक बार फिर जीतने की, लेकिन सिर्फ एक थ्रो ने इस उम्मीद को तोड़ दिया।
न्यूजीलैंड के खिलाफ जब टीम इंडिया के बल्लेबाज 240 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरे तो लगा कि इतने कम स्कोर को वो आसानी से हासिल कर लेंगे, लेकिन शुरुआती झटकों ने इस लक्ष्य को मुश्किल बना दिया। टीम इंडिया ने 3 विकेट सिर्फ 5 रन पर गिर गए। पूरे विश्व कप में बल्ले से धमाल मचाने वाले रोहित, राहुल और कोहली सिर्फ 1-1 रन बना सके। टॉप ऑर्डर फेल हुआ तो जीत की उम्मीद टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर पर आकर टिकी, लेकिन हालत ये हुई कि 23वें ओवर में ही सिर्फ 71 रन पर आधी टीम पवेलियन लौट गई। हालांकि एक वक्त ऐसा लगा कि शायद पंत और पंड्या की जोड़ी टीम इंडिया को संकट से निकालकर जीत की दहलीज़ तक ले जाएगी, लेकिन दोनों ही बल्लेबाज़ गैर ज़िम्मेदाराना शॉट खेलकर टीम को बीच मंझधार में छोड़ गए। दिनेश कार्तिक ने सिर्फ 6 रन बनाए। जबकि पंत और पंड्या ने 32-32 रनों पारी खेली।
अब आखिरी उम्मीद धोनी और जडेजा से थी जो न्यूज़ीलैंड और जीत के बीच दीवार बनकर खड़े थे। खासकर जडेजा ने मायूस हो चुके फैंस में मानो नई जान फूंक दी और मैच रोमांचक बना दिया। लेकिन पहले जडेजा और फिर धोनी के रन आउट से रही सही उम्मीद खत्म हो गई। सबसे ज्यादा मायूसी धोनी के रन आउट होने से हुई। महेंद्र सिंह धोनी की बल्लेबाजी की खासियत यह भी है वह जब भी क्रीज पर होते हैं तो बड़े से बड़ा क्षेत्र रक्षक भी उन्हें तेजी से रन लेने से रोक नहीं पाता। ऐसे कई मौके आए जब उन्होंने 1 रन को 2 रन में बदला है। बुधवार को भी मैच के दौरान वो वही करना चाह रहे थे, लेकिन इस बार नाकाम रहे और इसी रन आउट ने टीम इंडिया के फाइनल में पहुंचने की उम्मीद को खत्म कर दिया।
कैसे आउट हुए धोनी?
टीम इंडिया को आखिरी 2 ओवर में जीत के लिए 31 रन चाहिए थे। 49वें ओवर में लॉकी फर्गुसन की पहली गेंद पर धोनी ने बैकवर्ड प्वाइंट पर जोरदार छक्का जड़ दिया। इस छक्के ने मानों टीम के साथ ही भारतीय फैंस में जान फूंक दी, लेकिन अगली गेंद पर बड़ा शॉट खेलने से चूक जाने के बाद तीसरी गेंद पर धोनी ने 2 रन लेने की कोशिश की। इस दौरान पहला रन तो पूरा कर लिया, लेकिन दूसरे रन लेने के दौरान मार्टिन गप्टिल का सीधा थ्रो स्टम्प पर लगा और धोनी 50 रन बनाकर आउट हो गए।
उनके रन आउट होने के समय भारत को जीत के लिए 24 रन चाहिए थे। जिस तरह से धोनी बड़े शॉट खेलते हैं। सभी को उम्मीद थी कि वो क्रीज पर मौजूद होते तो बड़े छक्के लगाकर टीम को फाइनल में पहुंचा थे। जहां उसका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले सेमीफाइनल में जो टीम जीत कर पहुंचती उससे होता। टीम इंडिया जिस फॉर्म में चल रही है बड़ी बात नहीं कि वो विपक्षी टीम को हरा देती और देश के लिए एक और वर्ल्ड कप जीतती।
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