जिस आयुष्मान भारत योजना को गरीबों के लिए संजीवनी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया था। उत्तराखंड में वही योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।
उत्तराखंड के 6 अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई है। जांच में ये बात सामने आई है कि योजना के तहत भ्रष्टाचार हुआ है। इस भ्रष्टाचर में अस्पताल के डाक्टर और कर्मचारी शामिल हैं। ‘लाइव हिंदुस्तान‘ की रिपोर्ट के मुताबिक, योजना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जांच में ये पाया गया है कि योजना के तहत 6 अस्पतालों ने गलत तरीके से 35 लाख रुपये का भुगतान किया है। जांच में ये बात भी सामने आई है कि डॉक्टरों ने मरीजों को खुद सरकारी अस्पताल से प्राइवेट में रेफर किया और फिर खुद ही मरीज का इलाज कर गलत तरीके से योजना के तहत पैसा हासिल कर लिया।
जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बाद अभी तक इन अस्पतालों और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। जो अस्पताल जांच में दोषी पाए गए हैं उनके डॉक्टरों और संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया जा सकता है। खबरों के मुताबिक, जांच रिपोर्ट आयुष्मान सोसायटी के सामने रखी जाएगी। जांच में दोषी पाए गए अस्पतालों को क्लेम के बदले दी गई पूरी राशि वापस लेने का आदेश दिया जा सकता है। इसके अलावा अस्पतालों को हमेशा के लिए योजना से बाहर किए जाने का फैसला भी लिया जा सकता है।
‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत गरीबों को ये लाभ दिया जाता है:
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