चंपावत मनरेगा कार्यों में प्रदेश में दूसरे नंबर पर आया है। जिले में मनरेगा के तहत जो कार्य किए जाने थे, उनमें से 90 फीसदी से ज्यादा काम पूरा कर लिया गया है।
ऐसे में शासन ने जिले के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए लक्ष्य बढ़ाने का फैसला किया है। इस बार लक्ष्य को हासिल करने में प्रवासी श्रमिकों ने अहम योगदान दिया है। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगा था। इस दौरान हजारों की संख्या में प्रवासी बेरोजगार होने के बाद अपने गांव वापस लौट गए। करीब तीन महीने के लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई।
इस बीच नए वित्तीय वर्ष के लिए मनरेगा के तहत शासन ने इस बार 8.50 लाख मानव दिवस का लक्ष्य दिया था। मनरेगा के तहत प्रवासियों को काम दिया गया ताकि ये लोग दोबारा पलायन न करें। ऐसे में शासन द्वारा मनरेगा के तहत दिया गए लक्ष्य को जिले ने 6 महीने में ही 90 फीसदी से ज्यादा हासिल कर लिया।
चंपावत में अब तक 8.50 लाख के सापेक्ष 7.75 लाख मानव दिवस पूरे किए जा चुके हैं। जिले में पंजीकृत 59 हजार श्रमिकों में 30287 श्रमिकों ने लक्ष्य पूरा करने में अपनी भूमिका निभाई। इनमें 4771 प्रवासी श्रमिक शामिल थे।
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