उत्तरकाशी में झीलों के किनारे और जिला मुख्यालय से सटे गंगा तटों पर प्रवासी पक्षियों ने डेरा डाल दिया है।
प्रवासी पक्षियों का गंगा में करतब आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस साल इन प्रवासी जलीय पक्षी बड़ी संख्या में गंगा (भागीरथी) में नजर आ रहे हैं। वहीं, गंगा विचार मंच ने प्रवासी पक्षियों पर शोध और इनके संरक्षण और संवर्धन की मांग केंद्र और राज्य सरकार से की है।
जिले में मनेरी जल विद्युत परियोजना प्रथम की मनेरी झील और मनेरी जल विद्युत परियोजना द्वितीय की जोशियाड़ा बैराज बनने के बाद गंगा (भगीरथी) में प्रवासी जलीय पक्षियों का आवागमन बढ़ा है। ये पक्षी अक्टूबर से मार्च महीने तक जिले में प्रवास पर रहते हैं। इसके बाद यह पक्षी यहां से चले जाते हैं। इन पक्षियों का भोजन जलीय जीव-जंतु होते हैं।
इन प्रवासी जलीय पक्षियों में जल मुर्गी समेत बत्तख और साइबेरियन क्रेन शामिल हैं। गंगा विचार मंच NMCG जलशक्ति मंत्रालय के प्रदेश संयोजक लोकेंद्र बिष्ट का कहना है कि नमामि गंगे परियोजना के तहत भारतीय वन्य जीव संस्थान गंगा में जलीय जीवों पर शोध कर रहा है।
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