उत्तरकाशी के केदारकांठा ट्रैक से लौटते समय भटक जाने वाले दोनों सैलानियों को सुरक्षित ढूंढ लिया गया है।
दोनों सैलानियों को दो दिनों तक जंगल में भूखे प्यासे भटकना पड़ा। घने जंगलों के बीच ये सैलानी फंस गए थे। खबरों के मुताबिक, रेस्क्यू टीम दोनों सैलानियों को सुरक्षित मोरी के सांकरी गांव लेकर पहुंची। यहां के सरकारी अस्पताल में इलाज के बाद दोनों को देहरादून रेफर कर दिया गया।
6 सदस्यीय सैलानियों का एक दल 14 अक्टूबर की सुबह मोरी ब्लॉक के सांकरी से 12 किमीटर दूर केदारकांठा ट्रैक पर गया था। शाम को दल ने केदारकांठा में टेंट लगाकर रात में आराम किया। आगले दिन यानी 15 अक्टूबर की सुबह दल वापस लौटा। इस दौरान दोनों सैलानी रास्ते में फोटो खींचने लगे। फोटो खींचने के चक्कर में दोनों मखमली घास के मैदान में टहलते हुए बहुत दूर निकल गए। जब वापस लौटने की कोशिश की तो रास्ता भूल गए। मोबाइल में सिग्नल न होने की वजह से ये दूसरे साथियों से संपर्क नहीं कर पाए।
इन सैलानियों के दूसरे साथियों ने 15 अक्टूबर की रात को इस संबंध में पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद विकासनगर से इन सैलानियों के परिजन भी सांकरी पहुंच गए। 16 अक्टूबर की सुबह मोरी के थाना अध्यक्ष केदार सिंह चौहान ने 5 टीमें गठित की और फिर लापता सैलानियों के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया और दोनों सैलानियों को ढूंढ निकाला। दोनों सैलानियों की हालत बेहद खराब थी। दो दिन तक जंगलों में भटकने और भूख प्यास की वजह से उनकी आवाज तक नहीं निकल पा रही थी। दोनों के सुरक्षित मिनले के उनके परिजनों ने राहत की संस ली है।
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