फोटो: सोशल मीडिया
उत्तराखंड में मैदानी और पहाड़ी दोनों तरीके के इलाके हैं। पहाड़ी इलाकों में अक्सर बारिश के मौसम में लैंडस्लाइड होता है। जिसकी वजह से कई बार कई बार बड़ी जनहानि हो जाती है। वहीं कई बार भूस्खलन की वजह से रोड ब्लॉक हो जाती है। जिसकी वजह से यातायात काफी प्रभावित होता है।
मॉनसून के मौसम में भूस्खलन को रोकने के लिए अब एक नया तरीका अपनाया जा रहा है। ईको टास्क फोर्स के पूर्व कमांडिग अफसर कर्नल एचएस राणा ने बताया है कि भूस्खलन और बारिश की कारण बहती मिट्टी को रोकने के लिए एक नई तरह की घास जिसे वेटिवर कहते हैं, लगाई जानी चाहिए। एचएस राणा का मानना है कि ये घास ना सिर्फ मिट्टी को और उपजाऊ बनाती है बल्कि इस घास की जड़े मिट्टी को पकड़कर भी रखती है। जिससे भूस्खलन होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। कर्नल जीएस राणा का कहना है कि इस इससे प्रदेश में रोजगार के मौके भी पैदा होंगे। उनके मुताबिक इस वक्त तेजी से वेटिवर घास की मांग दुनिया भर में बढ़ रही है। ऑनलाइन वेबसाइट पर भी इसके तेल और जड़ों की मांग भी बढ़ रही है। देश के कई हिस्सों में भी इस घास का इस्तेमाल किया भी जा रहा है।
ईको टास्क फोर्स का काम
प्राकृतिक संपदा को बचाने के लिए साल 1982 में ईको टॉस्क फोर्स का गठन किया गया था। उस वक्त मसूरी का तापमान तेजी से बढ़ रहा था। इसके साथ ही पहाड़ों और मैदानी इलाकों में प्रकृति अपना रूप बदल रही थी. ऐसे में ईको टास्क फोर्स का गठन करने का फैसला लिया गया था। इसके गठन का मकसद देश की प्राकृतिक संपदा को बचाना था। साथ ही नदियों को पुनर्जीवित और पहाड़ों को सुरक्षित रखना भी इसके प्रमुख कामों में शामिल थ। मौजूदा समय में उत्तराखंड में ईको टॉस्क फोर्स बड़े स्तर पर काम कर रही है।
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