Newsउत्तराखंड स्पेशल

उत्तराखंड के खुशीराम की जिंदगी में विदेशी सब्जियों की खेती ने लाई खुशियां, कमा रहे हैं लाखों

मैदानी इलाकों की तुलना में पहाड़ी इलाकों में खेती करना काफी मुश्किल काम है।

सिंचाई के साथ दूसरी परेशानियों की वजह से यहां खेती करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन टिहरी गढ़वाल के रहने वाले खुशीराम सब्जियों की खेती करके लाखों रुपये कमा रहे हैं। दरअसल सिंचाई के लिए पानी की समस्या से जूझ रहे चंबा-मसूरी फलपट्टी के चौपड़ियाल गांव के रहने वाले खुशीराम ने इन दिनों अपने खेतों में विदेशी सब्जियां लग रहे हैं। जापान समेत दूसरे देशों में उगने वाली इन सब्जियों की खासियत यह है कि इनमें ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती। इसके अलावा इनकी फसल भी जल्दी तैयार होती है।

50 साल के खुशीराम करीब 25 सालों से करीब 40 नाली जमीन पर सब्जी की फसल उगा रहे हैं। यही उनकी आर्थिकी का जरिया भी है। एक सीजन में वो एक लाख रुपये से ज्यादा आमदनी कर लेते हैं। खुशीराम बताते हैं कि जापान में उगाए जाने वाले लेटोज में चौड़ी हरी पत्तियां होती हैं, जो पौष्टिक गुणों से भरी होती है। लेटोज बर्गर में भी इस्तेमाल की जाती है। ऐसे में इसकी काफी डिमांड रहती है। अभी तक कई बड़ी कंपनियां इन सब्जियों को बाहर से मंगाते हैं। लोकल मार्केट में विदेशी सब्जियां मिलने से काफी फायदा होगा और क्षेत्रवासियों को भी सब्जियों के रूप में विकल्प मिलेगा।

इसके अलावा जापान का केरी टमाटर बाजार में बिकने वाले टमाटरों की तुलना में काफी छोटे होते हैं। पहाड़ में भी छोटे टमाटर उगाए जाते हैं, लेकिन इनका स्वाद खट्टा होता है। जबकि, केरी टमाटर काफी मीठा होता है। खुशीराम का कहना है कि अगर उनका यह प्रयोग सफल रहा तो वो भविष्य में विदेशी सब्जियां उगाने के लिए अन्य किसानों को भी प्रेरित करेंगे। फिलहाल खुशीराम चाइनीज कैबेज, केरी टमाटर लेटोज, मिजोना, केल, रेड कैबेज, लीक, जुकनी अपने खेतों में उगा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *