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उत्तराखंड स्पेशल: ठंड के मौसम में आपके स्वागत को तैयार है पहाड़!

उत्तराखंड में ठंड के मौसम में पर्यटकों की तादाद बढ़ गई है। इस मौसम में बर्फबारी की वजह लोग यहां घूमने आते हैं।

ठंड के मौसम में कुछ लोग बाहर निकलने से बचते हैं कि कहीं बीमार ना हो जाएं, वही दूसरी तरफ कई ऐसे लोग भी हैं जिन्हें ठंड में घूमना बहुत पसंद हैं। सर्दी के मौसम में वो बर्फबारी का मजा लेने पहाड़ों पर घूमने जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए उत्तराखंड घूमने का ये बहुत ही अच्छा वक्त है। पहाड़ों में बर्फबारी शुरू हो गई है। मैदानी इलाके वाले राज्यों की तुलना में पहाड़ी इलाके वाले राज्यों में तापमान काफी गिर गया है। कई शहरों में तो पारा शून्य के नीचे पहुंच गया है।

इस मौसम में हिमालय पर 1200 मीटर से 4000 मीटर तक उत्तराखंड के कई हिल स्टेशन बेहद खूबसूरत हो जाते हैं। बर्फबारी में नहाया पहाड़ तो पर्यटकों को अपनी ओर चुंबक की तरह खींचता है। नवबंर से बर्फबारी शुरू हो जाती है और फरवरी के मध्य तक कई पर्यटक स्थलों पर बर्फ गिरती है।

ऐसे मौसम में देश की राजधानी दिल्ली से लोग नैनीताल और मसूरी घूमने आते हैं। इसकी बड़ी वजह है ये कि दिल्ली से ये शहर महज 7-10 घंटे की दूरी पर है। ठंड के मौसम में नैनीताल का माल रोड पर्यटकों से पटा रहता है। आप नैनीताल शहर के ऊपर स्नो व्यू, टिफिन टॉप से लेकर किलवरी से दूर हिमालय दर्शन तक जा सकते हैं। हिमालय दर्शन से हिमालय की चोटियों पर बहुत ही शानदार नजारा दिखता है।

मसूरी में तो साल में 3-4 बार बर्फबारी हो जाती है। बर्फबारी होते ही पर्यटकों का हुजूम मसूरी आ जाता है। जिसकी वजह से कई बार मसूरी के नीचे किंगररेग तक के रास्ते जाम हो जाते हैं। मसूरी और नैनीताल और उसके आस-पास सभी बजट में आपको होटल मिल जाएंगे। बर्फबारी का मजा लेने के लिए पर्यटक मसूरी के लाल टिब्बा, किनोग हिल, जॉर्ज एवरेस्ट, गन हिल औप क्लाउड ऐंड जैसी जगहों पर जा सकते हैं।

मसूरी से 32 किमी. दूर पर्यटक स्थल धनौल्टी तक बर्फबारी के बीच सड़क के दोनों ओर बर्फ जम जाती है। इस रोड पर तब गाड़ी चलाने का मजा दोगुना हो जाता है। चमोली जिले के जोशीमठ से 15 किलोमीटर दूर औली तो अब विश्व प्रसिद्ध स्कीइंग केंद्र तथा शीतकालीन रिजॉर्ट का रूप ले चुका है।

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