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जब दर्जनों पहाड़ियों को युवराज सिंह की एक झलक ने बना दिया था ‘कंगाल’, आज भी नहीं भूल पाए हैं वो!

भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उनसे जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिसे लोग आज याद कर रहे हैं।

युवराज सिंह से जुड़ा एक ऐसा ही मामला उत्तराखंड का है। 11 मार्च, 2018 को उत्तरकाशी के पुरोला में युवराज सिंह एक टूर्नामेंट के उद्घाटन के मौके पर पहुंचे थे। तब युवराज सिंह को भी नहीं पता था कि उनकी ये मौजूदगी दर्जनों पहाड़ियों को कांगाल बना देगा। दरअसल पाड़ियों को कंगाल युवराज सिंह ने नहीं बनाया, बल्कि उनके नाम पर धोखेबाजी का बहुत बड़ा खेल खेला गया, जिसका अंदाजा शायद आज भी युवराज सिंह को नहीं होगा।

उत्तरकाशी के खलाड़ी गांव में रहने वाला अंकित सिंह रावत नाम के नटवरलाल ने युवराज सिंह को टूर्नामेंट के उद्घाटन के मौके पर यहां बुलाया था। खुद को युवराज सिंह का करीबी दिखाकर वो इलाके को दर्जनों लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया। अंकित सिंह रावत ने इलाके के दर्जनों युवाओं को रणजी और आईपीली में सेटिंग के जरिए मौका दिलाने का भरोसा दिलाया। और युवाओं से लाखों रुपये ऐंठ लिए। किसी से 50 लाख, किसी से 70 लाख रुपये लिए। मामले का खुलासा तब हुआ जब कुछ लोग पुलिस में शिकायत लेकर पहुचे। तब तक ये नटवरलाल दर्जनों लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाकर फरार हो चुका था। अंकित सिंह रावत के बात में युवा सिर्फ इस लिए आ गए, क्योंकि उन्हें लगा था कि ये युवराज सिंह जैसे क्रिकेटर का करीबी है। ऐस में हो सकता है उनकी किस्मत संवर जाए।

धोखेबाजी में अंकित सिंह रावत की मदद उसके भाई और पिता ने भी की थी। देहरादून के रायवाला में 81 लाख रुपए ठगने की दो एफआईआर दर्ज की गई थी। देहरादून के राजेन्द सिंह ने अपने बेटे को रणजी टीम में चयन कराने का झांसा देकर 11 लाख ठगने की एफआईआर दर्ज कराई थी। अंकित सिंह रावत ने देहरादून के डालनवाला इलाके में 17 चंदर रोड पर आरे विला डालनवाला में एक आलीशान बिल्डिंग में किराए पर फ्लैट ले रखा था। यहीं से वो ठगी का गोरखधंधा चला था। अभी भी पूरे मामले की जांच जारी है।

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