उत्तराखंड: प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ आंदोलनरत कर्मियों ने न्याय देवता से लगाई गुहार, हाईकोर्ट से मिली राहत
उत्तराखंड में प्रमोशन में आरक्षण का कर्मचारियों ने विरोध तेज कर दिया है। मुखर होकर सरकारी कर्मचारी सड़क पर उतर रहे हैं।
अल्मोड़ा में बुधवार को उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच द्वारा मशहूर न्याय के देवता चितई स्थित गोल्ज्यू के मंदिर में फरियाद लगाई गई। इस दौरान कामना की गई कि विकास में बाधक हड़तालों पर पूर्ण विराम लग जाए और बिना वजह पदोन्नति नहीं होने से निराश कर्मचारियों को समय से प्रमोशन मिल जाए।
कर्मचातीयों ने मंदिर में जागर का आयोजन किया। प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ जनरल ओबीसी कर्मचारियों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। जनरल ओबीसी एंप्लाइज एसोसिएशन से जुड़े कर्मचारियों ने चौघानपाटा में सभा का आयोजन किया और जोरदार प्रदर्शन किया। दिनभर प्रदर्शन के बाद कर्मचारी शाम को न्याय के देवता चितई गोल्ज्यू के मंदिर में पहुंचे, जहां पर उन्होंने सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए जागर लगाया।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुरुवार को जिला मुख्यालय पर सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी जुलूस निकालेंगे। ब्लॉकों मुख्यालयों पर भी जुलूस कार्यक्रम आयोजित होंगे। आगामी 15 मार्च को स्कूटर रैली का आयोजन किया जाएगा। जनरल ओबीसी एंप्लाइज एसोसिएशन से जुड़े कर्मचारियों ने प्रमोशन में आरक्षण को नाजायज ठहराते हुए सरकार की आलोचना की। कर्मचारियों का कहना है कि कोर्ट के फैसले के बाद भी सरकार फैसला नहीं ले रही है। कर्मचारियों के अनुसार, जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
इस बीच नैनीताल हाई कोर्ट से इस मुद्दे पर हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने हड़ताल खत्म करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। जनरल और ओबीसी कर्मचारी सरकारी नौकरी में पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में प्रदेश में हड़ताल पर हैं। 12 मार्च से हड़ताल में इमरजेंसी सेवा में काम करने वाले जनरल और ओबीसी के कर्मचारी भी शामिल हो जाएंगे। इस हड़ताल से आपातकालीन सरकारी सेवाओं पर भी असर पड़ने की संभावना है।
(अल्मोड़ा से हरीश भंडारी की रिपोर्ट)