एक विकास दुबे, 100 सवाल, कौन बचा रहा है, गैंगस्टर का ये इशारा और हो गया खेल?
कानपुर शूटआउट के ठीक 7वें दिन गैंगस्टर विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया।
जिस तरह से विकास की गिरफ्तारी हुई, उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल ये कि जिस खूंखार अपराधी ने यूपी पुलिस के डीएसपी समेत 8 पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतार दिया, उसकी गिरफ्तारी इतनी आसानी से कैसे हो गई? सवाल ये कि क्या एनकाउंटर से बचाने के लिए विकास दुबे को फुलप्रूफ प्लान के तहत उज्जैन ले जाया गया था? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि गिरफ्तारी के बाद धीरे-धीरे जो तस्वीर सामने आ रही वो इसी ओर इशारा कर रही है।
खबरों के मुताबिक, महाकाल मंदिर में विकास दुबे के जाने से पहले प्रशासन ने एक बैठक भी की थी। ये बैठक क्यों की गई? इसका प्रशासन की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। दूसरी बात ये कि विकास महाकाल मंदिर में वीआईपी पास के जरिए दाखिल हुआ था। ऐसे में सवाल ये कि क्या विकास को वीआईपी पास देते समय किसी को संदेह नहीं हुआ? गिरफ्तारी से ठीक पहले विकास का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो बिना हड़बड़ाए पुलिस के सामने सरेंडर करने के लिए जाता दिख रहा है। सवाल ये भी पूछा जा रहा है कि गिरफ्तारी के बाद विकास के कब्जे से कोई हथियार बरामद क्यों नहीं किया गया?
गिरफ्तारी के ठीक बाद विकास दो से तीन बार चिल्लाकर यह कह रहा था कि मैं कानपुर वाला विकास हूं। सवाल ये कि आखिर विकास ने ऐसा क्यों किया? क्या वो किसी को सिग्नल दे रहा था? सवाल ये पूछा जा रहा है कि आखिर जो विकास 8 तारीख को फरीदाबाद में था वो रातोंरात उज्जैन कैसे पहुंच गया? तो आपको ये भी बतातें चलें कि इस संबंध में लखनऊ हाई कोर्ट के दो वकीलों से पूछताछ की जा रही है जो महाकाल दर्शन के लिए अपनी कार से उज्जैन पहुंचे थे। पुलिस ये जानने की कोशिश कर रही है कि कहीं इसी कार में विकास उज्जैन तो नहीं पहुंचा? और आखिरी बात ये गैंगस्टर विकास दुबे उस मध्य प्रदेश में पकड़ा गया है, जहां पर बीजेपी की सरकार है। विकास पहले ही बीजेपी के नेताओं के साथ अपना संबंध जग जाहिर कर चुका है।