चीन की चाल को ध्वस्त करने के लिए उत्तराखंड में प्लान तैयार! सीमावर्ती इलाकों से ड्रैगन पर रखी जाएगी पैनी नजर
भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि चीन से गतिरोध के बीच भारतीय वायुसेना को सीमावर्ती इलाकों में गतिविधियों के लिये उत्तराखंड में जमीन दी जाएगी।
इस पर फैसला मध्य वायु(सेना) कमान प्रमुख, एयर मार्शल राजेश कुमार के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात के दौरान लिया गया। जानकारी के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच मध्य वायु(सेना) कमान प्रमुख, एयर मार्शल राजेश कुमार ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की है।
इस मुलाकात के दौरान मध्य वायु(सेना) कमान प्रमुख, एयर मार्शल राजेश कुमार ने सीमावर्ती इलाकों में वायुसेना को अपनी गतिवधियों में मदद करने वाली सुविधाओं की व्यवस्था करने के लिये सीएम रावत से जमीन देने का अनुरोध किया। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक मध्य वायु(सेना) कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (एओसी-इन-सी) ने शुक्रवार को रावत से अपनी मुलाकात के दौरान राज्य के पर्वतीय इलाकों में वायु रक्षा रेडार और लड़ाकू विमानों के उतरने के लिये जमीन की उपलब्धता पर भी चर्चा की।
आपको बता दें, उत्तराखंड की सीमा चीन और नेपाल से लगती है। एयर मार्शल कुमार का कहना है कि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी में वायु रक्षा रेडार और ‘एडवांस लैंडिंग ग्राउंड’ जैसी सुविधाएं स्थापित करने से वायुसेना को काफी मदद मिलेगी क्योंकि ये देश के उत्तरपूर्व में हैं। एयर मार्शल ने पंतनगर, जॉलीग्रांट और पिथौरागढ़ हवाईअड्डों का विस्तार करने तथा चौखुटिया में एक हवाईअड्डे के लिये जमीन आंवटित करने का भी अनुरोध किया।