उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने खिलाफ कथित घूसखोरी प्रकरण की सीबीआई से जांच के मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है।
उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश को बुधवार को विशेष याचिका के जरिए से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर झारखंड से जुड़े कथित घूसखोरी मामले में सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। एकलपीठ ने ये भी कहा था कि सीबीआई को सभी दस्तावेज दो दिन के अंदर उपलब्ध कराए जाएं।
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद सरकार और मुख्यमंत्री की परेशानी बढ़नी स्वाभाविक मानी जा रही थी। इस आदेश के आने के बाद सरकार में कल से ही हलचल दिखायी दे रही थी। इसके बाद सीएम के सभी दौरे रद्द कर दिए गए। इसके बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
महाधिवक्ता एसएन मुताबिक, याचिका में उमेश कुमार को पक्षकार बनाया गया है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने उमेश कुमार के खिलाफ दायर मामलों को खारिज कर दिया था। साथ ही घूसखोरी मामले में सीबीआई को मामला दर्ज करने के निर्देश दे दिए थे। ये मामला नोटबंदी से पहले झारखंड से जुड़ा हुआ है।
आरोप है कि मुख्यमंत्री ने झारखंड का प्रभारी रहते हुए बीजेपी नेता अमृतेश सिंह चैहान को गौसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाने के नाम पर लाखों की घूस ली और घूस का ये पैसा उनके करीबी लोगों के बैंक खातों में जमा किया गया है। इसके साथ ही ये भी आरेाप है कि सरकार के इशारे पर उमेश कुमार के खिलाफ देहरादून में मामले दर्ज किए गए जिसे खारिज करने के लिए उमेश ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर कीं। हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई को मामला दर्ज करने के निर्देश देते हुए उमेश कुमार की याचिकाओं को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया।