उत्तराखंड के थराली में राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज कुलसारी के प्रिंसिपल वाचस्पति के रिटायर होने पर समारोह का आयोजित किया गया और उन्हें सम्मानित किया गया।
इलाके के जनप्रतिनिधियों, स्थानीय लोगों और पॉलिटेक्निक के छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों ने उन्हें विदाई दी। विदाई समारोह पर मुख्य अतिथि चमोली जिला पंचायत के उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत ने कहा कि विषम परिस्थितियों में पॉलिटेक्निक कॉलेज की अवस्थापना और इसके विकास के लिए प्रिंसिपल वाचस्पति जी को क्षेत्र की जनता हमेशा ही याद रखेगी।
वक्ताओं ने कहा कि एक दौर ऐसा था जब केंद्रीय टेक्निकल कमेटी द्वारा पॉलिटेक्निक भवन और यहां की व्यवस्थाओं पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए पॉलिटेक्निक को मान्यता देने से ही मना कर दिया था। इस दौरान प्रधानाचार्य के रूप में जमलोकी द्वारा पालिटेक्निक के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर प्रयास कर केंद्रीय कमेटी द्वारा लगाए गई आपत्तियों को पूर्ण करने के लिए प्रयास किया गया, जिसका नतीजा रहा कि इस विद्यालय को केंद्रीय कमेटी द्वारा मान्यता दी गई।
पॉलिटेक्निक कॉलेज मान्यता के साथ चल रहा है। कुलसारी ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान खिलाप सिंह बिष्ट ने कहा कि वाचस्पति सालों तक जमलोकी पॉलिटेक्निक कॉलेज की शुरुआत साल 2013 में यहां आए 7 वर्षों तक इनके अथक प्रयासों से पॉलिटेक्निक में भवन का निर्माण और अन्य ट्रेडों की पढ़ाई यहां पर शुरू हो पाई। पॉलिटेक्निक कॉलेज की मान्यता को लेकर इनके प्रयासों को न तो यहां के छात्र और नहीं यहां की जनता कभी भूल पाएगी।
इस दौरान पूर्व प्रधान कुलसारी श्री खिलाप बिष्ट जी, वर्तमान प्रधान मनीष सती, क्षेत्र पंचायत हीरा सिंह पंवार जी, क्षेत्र पंचायत सुना वार्ड हरेंद्र बिष्ट जी आदि मौजूद रहे।
(थराली से मोहन गिरी की रिपोर्ट)
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