सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिलने से दुखी लालू यादव ने जेल से जनता को लिखा भावुक खत
चारा घोटाल में जेल में बंद लालू यादव ने सुप्रीम कोर्ट से बेल नहीं मिलने पर आम लोगों को भावुक खत लिखा है। जिसमें लोगों से लोकतंत्र बचाने की अपील की है।
चारा घोटाले में सजा काट रहे RJD प्रमुख लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उच्चतम न्यायालय ने लालू की जमानत यायिका खारिज कर दी है। सबसे बड़ी अदालत से जमानत नहीं मिलने से लालू यादव दुखी हैं। उन्होंने ट्विटर पर एक भावुक पत्र साझा किया है। अपने इस खत में लालू ने जनता से लोकतंत्र का बचाने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने इस बार लोकसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका ना निभाने पर भी अफसोस जताया है।
लालू यादव ने ट्वीट किया, ”44 साल में पहला चुनाव है जिसमें आपके बीच नहीं हूं। चुनावी उत्सव में आप सभी का दर्शन नहीं होने का अफसोस है। आप लोगों की कमी खल रही है इसलिए जेल से ही आपके नाम खत लिखा है। उम्मीद है कि आप इसे पढ़ेंगे और लोकतंत्र के साथ संविधान को बचाएंगे। जय हिंद, जय भारत।”
44 वर्षों में पहला चुनाव है जिसमें आपके बीच नहीं हूँ। चुनावी उत्सव में आप सबों के दर्शन नहीं होने का अफ़सोस है। आपकी कमी खली रही है इसलिए जेल से ही आप सबों के नाम पत्र लिखा है। आशा है आप इसे पढ़ियेगा एवं लोकतंत्र और संविधान को बचाइयेगा। जय हिंद, जय भारत। pic.twitter.com/QDAR03adSf
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) April 10, 2019
अपने खत में लालू यादव ने लिखा, ”इस वक्त जब बिहार एक नई गाथा लिखने जा रहा है, यहां रांची के अस्पताल में अकेले बैठकर सोच रहा हूं कि क्या विध्वंसकारी शक्तियां मुझे इस तरह कैद कराके बिहार में फिर किसी षड्यंत्र की पटकथा लिखने में सफल हो पाएंगी? मेरे रहते मेरे बिहारवासियों के साथ फिर मैं धोखा नहीं होने दूंगा। मैं कैद हूं, अपने विचारों को आपसे साझा कर रहा हूं क्योंकि एक-दूसरे से विचारों को साझा करके ही हम इन बांटने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ सकते हैं।” लालू प्रसाद यादव ने मौजूदा चुनाव को इज्जत को दांव पर लगाने वाला चुनाव बताते हए इसे आर-पार की लड़ाई बताया। इसके साथ ही आरजेडी प्रमुख ने इस चुनाव को सरकार और गद्दार की पहचान वाला चुनाव बताया है।
आपको बता दें कि लालू यादव ने अपनी खराब सेहत का हवाला देकर बेल मांगी थी। फिलहाल वो रांजी के रिम्स अस्पतला में इलाज करा रहे हैं। 1980 के बाद से ये पहला मौका है जब लोकसभा चुनाव में लालू यादव की सक्रियता नहीं है।