छत्तीसगढ़ की फुलझरिया बाई भारिया का मकान ही चोरी हो गया!
छत्तीसगढ़ के बिलारपुर की रहने वाली फुलझरिया बाई भारिया का मकान ही चोरी हो गया है। पीड़ित ने पुलिस में केस दर्ज कराया है।
पढ़ने में थोड़ा अजीब लगता है कि किसी का घर भला कैसे चोरी हो सकता है, लेकिन ये सच है कि छत्तीसगढ़ के बिलारपुर की रहने वाली फुलझरिया बाई भारिया का मकान ही चोरी हो गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें ये घर मिला था। पीड़ित महिला ने पीएम आवास के ही चोरी हो जाने की शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज कराई है। यह आदिवासी महिला पेंड्रा जनपद पंचायत के अड़भार गांव में रहती है।
Bilaspur, Chhattisgarh: 60-yr-old woman levels allegations on officials for not giving her the house allotted under PM Awas Yojana; says, “My house has been stolen. I've already given 2 installments. I was living in a mud hut that collapsed. I demand police investigation.”(02.12) pic.twitter.com/g5mzjcywB6
— ANI (@ANI) December 3, 2018
फुलझरिया बाई जब रिश्तेदार के साथ थाने में मकान चोरी होने की शिकायत दर्ज कराने पहुंची तो पुलिसकर्मी भी हैरान हो गए। पीड़ित ने अपनी इस शिकायत में प्रधानमंत्री आवास योजना में हो रही अनियमितताओं का खुलासा भी किया है। दरअसल 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होने वाली सूची में आठवें नंबर पर फुलझरिया बाई का नाम दर्ज है। सरकारी दस्तावेजों में उनका आवास निर्माणाधीन है और निर्माण के लिए उन्हें चेक के जरिये दो किश्तों का भुगतान भी किया जा चुका है।
डीएम ऑफिस से जारी दो किश्तों में पहली किश्त 35 हजार रुपए और दूसरी 45 हजार रुपए की स्वीकृत हुई है। दोनों ही किश्त फुलझरिया बाई के खाते में जमा हुई और निकाल भी ली गई, यही नहीं सरकारी रिकॉर्ड में फुलझरिया बाई के निर्माणाधीन मकान की तस्वीर भी चस्पा कर दी गई है। जबकि सच्चाई ये है कि फुलझरिया बाई का ना तो मकान बना है और ना ही उसे कोई चेक मिला है। पीड़िता अब इसी से परेशान हैं कि जब उनके नाम से प्लॉट अलॉट हुआ तो फिर वो मिला क्यों नहीं?
पुलिस की जांच में ये बात सामने आई कि जिस मकान को फुलझरिया बाई का पीएम आवास बताकर निर्माण की रकम निकाली गई दरअसल वह अडभार गांव की एक दूसरी महिला उषा पाव का है। अधिकारियों ने पीएम आवास की रकम हड़पने के लिए सरकारी दस्तावेजों में फुलझरिया बाई के बजाय उषा पाव की तस्वीर भी लगाई है। लेकिन सभी दस्तावेजों में लाभार्थी का नाम फुलझरिया बाई दर्ज है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अडभार गांव में वित्तीय वर्ष 2018-19 की सूची में 72 आवास स्वीकृत हुए है। जबकि निर्मा 71 मकानों का शुरू हुआ। ऐसे में साफ है कि अधिकारियों ने इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार किया है।
BJP always comes up with new innovations in corruption. In @drramansingh's Chhattisgarh an entire house stolen, as out of 72 houses allocated under the PM’s Housing Scheme in 2018-19, 71 houses were built and given to the beneficiaries & one is missing.
https://t.co/PfT1ZJ1GW9— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) December 4, 2018
पूरे मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस की महिला विंग ने ट्वीट पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह पर निशाना साधा है और लिखा है कि बीजेपी हमेशा भ्रष्टाचार के नए तरीके इजात करती है।