दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित इस दुनिया को छोड़कर चलीं गईं। जब तक वो जिंदा रहीं, उन्होंने कांग्रेस पार्टी और दिल्ली की सबसे ज्यादा चिंता की।
दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाना उनका सपना था। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रदूषण मुक्त दिल्ली के लिए सार्वजनिक वाहनों को पेट्रोल और डीजल मुक्त किया और सीएनजी लेकर आईं। शीला दीक्षित को प्रदूषण की कितनी चिंता थी, इस बात का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि उन्होंने अपनी चिता को चंदन की लकड़ी की जगह सीएनजी से चलने वाली शवदाह गृह में जलाने की इच्छा जताई थी। यही उनकी आखिरी इच्छा थी।
शीला दीक्षित ने सार्वजनिक परिवहन में सीएनजी लाने का काफी विरोध झेला, लेकिन वो अड़ी रहीं। आज आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उनका ये फैसाल जनता के लिए कितना फायदेमंद है। शीला दीक्षित तमाम विरोधों के बावजूद दिल्ली को हरा-भरा करने का कदम उठाती रहीं।
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