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शीला दीक्षित के समारोह में जगदीश टाइटल का ‘टशन’, लोगों ने कांग्रेस से पूछा, टाइटलर के ‘दाग’ धुल गए क्या?

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में शीला दीक्षित के पद ग्रहण समारोह के मौके पर सिख दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के शामिल होने पर विवाद खड़ा हो गया है।

समारोह में टाइटलर ने टशन क्या दिखाया लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। लोग पूछ रहे हैं कि क्या सिख दंगों के मामले में जगदीश टाइटलर के पाप धुल गए हैं कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें समारोह में शामिल होने के साथ पहली पंक्ति में जगह दी।

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी भी वही कर रहे हैं जो उनके परिवार ने किया था। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि सिखों की भावना के लिए उनके मन में कोई सम्मान नहीं है।”

मीडिया से बचते-बचाते समारोह में शामिल होने पहुंचे जगदीश टाइटलर का आखिरकार मीडिया से सामना हो गया। सिख दंगा मामलों में सज्जन कुमार पर पूछे गए सवाल के जवाब में जगदीश टाइटलर ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “कोर्ट ने फैसला दिया है, तो कोई क्या कह सकता है। आपने मेरा नाम भी लिया, क्यों? क्या कोई एफआईआर है? क्या कोई केस है? नहीं? तब आप मेरा नाम क्यों लेते हैं? किसी ने कहा और आपने मान लिया।”

जगदीश टाइटलर पर ये आरोप हैं:

1984 सिख दंगों की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता टाइटलर को मुख्य षड्यंत्रकारियों में से एक बताया था। टाइटलर पर दंगों के दौरान दिल्ली के पुलबंगश गुरुद्वारा में तीन सिखों के कत्ल का भी आरोप लगा था। इन मामले में फिलहाल सीबीआई की जांच चल रही है। फिलहाल टाइटलर के खिलाफ लगा कोई भी आरोप अब तक साबित नहीं हो सका है।

मौजूदा विवाद इसे लेकर हुआ है:

मौजूदा विवाद शीला दीक्षित के दिल्ली कांग्रेस की कमान संभालन के मौके पर आयोजित समारोह में जगदीश टाइटल के शामिल होने पर खड़ा हुआ है। बुधवार को शीला दीक्षित ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद ग्रहण किया।

इससे पहले दिल्ली कांग्रेस की कमान शीला दीक्षित ने 1998 में तब संभाली थी, जब पार्टी बेहद बुरे दौर से गुजर रही थी। पार्टी को कई चुनावों में लगातार हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस 1991, 1996, 1998 के लोकसभा और 1993 विधानसभा और 1997 के निकाय चुनाव हार गई थी। ऐसे में शीला दीक्षित ने पार्टी को फर्श से अर्श तक पहुंचाया। शीला दीक्षित के नेतृत्म में कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में तीन बार लोकसभा चुनाव लड़ा और वो तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं। अब एक बार फिर बुरे दौर में कांग्रेस ने शीला दीक्षित को कमान सौंपी है। कांग्रेस को उम्मीद है कि वो इस बुरे दौर से पार्टी को उबारने में मददगार साबित होंगी।

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