जम्मू-कश्मीर: सरकार बनाने की कोशिशों को लगा तगड़ा झटका, राज्यपाल ने भंग की विधानसभा
जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की कवायद में जुटीं कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस को तगड़ा झटका लगा है। राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग कर दी है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के साथ ही राज्य में सरकार बनने की लगभग सारी संभावनाएं खत्म हो गई हैं। राज्यपाल ने यह फैसला ऐसा समय में लिया जब सरकार बनाने को लेकर तीनों पार्टियों के बीच लगभग समझौता हो गया था।
Jammu and Kashmir Governor Satya Pal Malik has passed an order dissolving the state Legislative Assembly. pic.twitter.com/TirFfZfTCs
— ANI (@ANI) November 21, 2018
राज्यपाल के द्वारा विधानसभा भंग करने से पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। मुफ्ती महबूबा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के समर्थन पत्र के साथ राज्यपाल को चिट्ठी लिख दी है।
विधानसभा भंग करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आजाद ने कहा, “अभी पार्टियों में बात भी नहीं हुई थी और विधायकों की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन बीजेपी नहीं चाहती जम्मू-कश्मीर में कोई सरकार बने। बीजेपी का तानाशाही रवैया फिर सामने आया है। अफवाहों से बीजेपी डर गई और विधानसभा भंग कर दी गई। हम प्रदेश में चुनाव चाहते हैं।”
I said this afternoon also that it's a suggestion & no final decision has been taken yet (on PDP-NC-Congress alliance). BJP dissolved the assembly even though only a proposal was made: Ghulam Nabi Azad, Congress on #JammuAndKashmir Governor dissolves J&K Legislative Assembly. pic.twitter.com/MUveg301gI
— ANI (@ANI) November 21, 2018
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, “इसे संयोग नहीं मान जा सकता कि इधर महबूबा मुफ्ती सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रही थीं और उधर राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी।”
JKNC has been pressing for assembly dissolution for 5 months now. It can’t be a coincidence that within minutes of Mehbooba Mufti Sahiba letter staking claim the order to dissolve the assembly suddenly appears.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 21, 2018
विधानसभा भंग पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “केंद्र के इशारे पर राज्यपाल ने जो काम किया है, उसके खिलाफ महबूबा मुफ्ती को कोर्ट जाना चाहिए। विधानसभा भंग करना अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को चिट्ठी तभी लिखी जब उन्हें नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने समर्थन देने की बात कही। ऐसे में राज्यपाल को महबूबा मुफ्ती को एक मौका देना चाहिए था”
Mehbooba Ji should move court as what Governor has done on Centre's instructions is undemocratic & unconstitutional. Mehbooba Mufti wrote to Governor only after Congress & NC supported PDP & Guv should've given her a chance: Prof Saifuddin Soz, Congress, on J&K assembly dissolved pic.twitter.com/4EyP3Pnjdz
— ANI (@ANI) November 21, 2018
जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने से पहले सरकार गठन को लेकर कांग्रेस और पीडीपी की ओर से बयान आया था। पीडीपी ने तो यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस से बातचीत हो गई है और जल्द ही राज्य के लोगों को अच्छी खबर मिलेगी।