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जम्मू-कश्मीर: सरकार बनाने की कोशिशों को लगा तगड़ा झटका, राज्यपाल ने भंग की विधानसभा

जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की कवायद में जुटीं कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस को तगड़ा झटका लगा है। राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग कर दी है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के साथ ही राज्य में सरकार बनने की लगभग सारी संभावनाएं खत्म हो गई हैं। राज्यपाल ने यह फैसला ऐसा समय में लिया जब सरकार बनाने को लेकर तीनों पार्टियों के बीच लगभग समझौता हो गया था।

राज्यपाल के द्वारा विधानसभा भंग करने से पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। मुफ्ती महबूबा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के समर्थन पत्र के साथ राज्यपाल को चिट्ठी लिख दी है।

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विधानसभा भंग करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आजाद ने कहा, “अभी पार्टियों में बात भी नहीं हुई थी और विधायकों की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन बीजेपी नहीं चाहती जम्मू-कश्मीर में कोई सरकार बने। बीजेपी का तानाशाही रवैया फिर सामने आया है। अफवाहों से बीजेपी डर गई और विधानसभा भंग कर दी गई। हम प्रदेश में चुनाव चाहते हैं।”

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, “इसे संयोग नहीं मान जा सकता कि इधर महबूबा मुफ्ती सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रही थीं और उधर राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी।”

विधानसभा भंग पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “केंद्र के इशारे पर राज्यपाल ने जो काम किया है, उसके खिलाफ महबूबा मुफ्ती को कोर्ट जाना चाहिए। विधानसभा भंग करना अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को चिट्ठी तभी लिखी जब उन्हें नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने समर्थन देने की बात कही। ऐसे में राज्यपाल को महबूबा मुफ्ती को एक मौका देना चाहिए था”

जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने से पहले सरकार गठन को लेकर कांग्रेस और पीडीपी की ओर से बयान आया था। पीडीपी ने तो यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस से बातचीत हो गई है और जल्द ही राज्य के लोगों को अच्छी खबर मिलेगी।

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