IndiaNews

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार रहेगी या जाएगी, आज होगा फैसला, जानिए सरकार बचने की कितनी हैं संभावनाएं

कर्नाटक में संकट में घिरी जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन सरकार की हालत सोमवार को तब और ज्यादा खराब हो गई, जब निर्दलीय विधायक और लघु उद्योग मंत्री एच. नागेश ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

एच. नागेश ने इस्तीफा देकर 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। खबरों के मुताबिक, सरकार बचाने के लिए जेडीएस और कांग्रेस ने बागियों को मंत्री पद की पेशकश की है जिसे कथित तौर पर उन्होंने ठुकरा दिया है। अब सभी नजरें विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश पर टिकी हैं। वो मंगलवार यानी आज कांग्रेस के 10 और जेडीएस के 3 विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेंगे।

इस बीच कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने सुबह साढ़े नौ बजे विधायकों की बैठक बुलाई है। बैठक में बागी विधायकों को भी शामिल होने के लिए कहा गया है। इसके लिए व्हिप जारी किया गया है। उधर जेडीएस ने भी विधायकों की बैठक बुलाई है। खबरों के अनुसार बैठक बाद कांग्रेस विधायकों को किसी रिसॉर्ट में भेजा जा सकता है, जिससे बीजेपी इन विधायकों को अपने पाले में करने के लिए लुभा न सके।

खबरों के अनुसार, मुंबई के एक होटल में ठहरे कांग्रेस विधायकों ने मंत्री पद की पेशकश ठुकरा दी है। उनका कहना है कि अब काफी देर हो चुकी है और वो बीजेपी में शामिल होंगे।

राज्य में राजनीतिक संकट के मद्देनजर अमेरिका दौरा बीच में छोड़कर स्वदेश लौटे जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सभी मंत्रियों के इस्तीफे करवाकर सरकार बचाने का आखिरी दांव चला है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और संकट का हल निकाल लिया जाएगा।

नगर निकाय मंत्री शंकर ने भी कांग्रेस के अन्य 20 मंत्रियों के साथ अपना इस्तीफा कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया को सौंप दिया, ताकि दर्जन भर बागी विधायकों के इस्तीफा वापस लेने और उन्हें मंत्री बनाए जाने का रास्ता साफ हो सके, और गठबंधन सरकार को 12 जुलाई से शुरू हो रहे 10 दिवसीय मॉनसून सत्र से पहले गिरने से बचाया जा सके।

ये दूसरा मौका है, जब नागेश और रन्नेबेन्नूर सीट से विधायक शंकर ने गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लिया है। इससे पहले उन्होंने 22 दिसंबर को मंत्री पद से हटाए जाने के बाद 15 जनवरी को सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।

कांग्रेस ने कर्नाटक में सरकार के संकट के लिए बीजेपी पर आरोप लगाया है। कांग्रेस विधायक डी.के. सुरेश ने मीडिया से कहा, “राज्य में इस राजनीतिक संकट के पीछे बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं का हाथ है। वो किसी भी राज्य में कोई सरकार या किसी विपक्षी दल की सरकार नहीं चाहते हैं। वो लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं।”

बीजेपी के नेताओं ने इस आरोप पर पलटवार किया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा, “कर्नाटक में राजनीतिक संकट से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है।”

गौरतलब है कि इस्तीफे से पहले 225 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन के पास 118 विधायकों का समर्थन था, ये बहुमत के आंकड़े 113 से पांच ज्यादा है। इनमें विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर 78 कांग्रेस के, जेडीएस के 37 और बीएसपी और कर्नाटक प्रज्ञंयवंता जनता पार्टी के एक-एक और एक निर्दलीय विधायक शामिल थे।

गठबंधन सरकार में 34 सदस्यीय मंत्रिमंडल में कांग्रेस से 22, जेडीएस से 10, केपीजेपी के एक और एक निर्दलीय विधायक शामिल थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *