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पाकिस्तान की अकड़ एक महीने में ही ढीली पड़ गई, भारत के आगे टेके घुटने

एक महीने की नौटंकी के बाद पाकिस्तान की अकड़ ढीली पड़ गई है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान की तरफ से पहले ट्रेन और फिर बस बंद कर दी गई थी।

इसके साथ ही पाकिस्तान की सरकार ने व्यापार बंद करने का भी फैसला किया था, लेकिन अब पाकिस्तान की सरकार ने व्यापार को खोलने का फैसला लिया है क्योंकि पाकिस्तान में दवा तक नहीं है। पाकिस्तान ने भारत से वो दवाएं मांगी है जो लाइफ सपोर्ट सिस्टम में इस्तेमाल होती है। दरअसल पाकिस्तान की फार्मा कंपनियां भारत के कच्चे माल पर निर्भर है। इसलिए व्यापार बंद करने के बाद ही लाहौर दवा एसोसिएशन ने कहा था कि 10 दिन में दवाइयों की कमी हो जाएगी। पाकिस्तान में मे़डिकल इमरजेंसी के हालात बन जाएंगे। आपको बता दें कि पाकिस्तान भारत से 150 से ज्यादा तरह की दवाइयां आयात करता है। पाकिस्तान में टीबी के मरिजों की दवाइयां भारत से ही जाती है। बच्चों की कई वैक्सिन तक पाकिस्तान भारत से आयात करता है।

समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक इस साल जुलाई के महीने तक पाकिस्तान ने भारतीय दवा कंपनियों से 1 अरब 36 करोड़ रुपये की दवाएं मंगाई थी। इसके बाद 5 अगस्त को भारत ने जब जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला किया तो पाकिस्तान ने हेकड़ी दिखाते हुए भारत से व्यापारिक रिश्ते खत्म कर लिये।

पाकिस्तान क्या भारत से आयात और निर्यात करता है?

पाकिस्तान भारत से मुख्‍य तौर पर चीनी, चाय, जीवन रक्षक दवाएं, ऑयल, केक, पेट्रोलियम तेल, कच्चा कपास, सूती धागे, टायर, रबड, डाई, रसायन समेत 14 सामान आयात करता है। वहीं पाकिस्तान भारत को कुल 19 प्रमुख उत्‍पादों का आयात करता है। जिसमें प्रमुख तौर पर ताजे फल थे। फल की निर्यात ठप होने से पाकिस्तानी मंडियों में फलों के ढेर लग गए और किसानों को सही दाम नहीं मिल रहा।

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