लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ में रोड शो के जरिए एक ‘गूंगी गुड़िया’ की तरह सियासी सफर की शुरुआत की।
लखनऊ एयरपोर्ट से लेकर कांग्रेस दफ्तर तक प्रियंका गांधी ने रोड शो किया, लेकिन इस दौरान उन्होंने एक शब्द नहीं बोला। कुछ लोगों ने कहा कि प्रियंका ने सियासी सफर की शुरूआत ‘गूंगी गुड़िया’ की तरह की है। ‘गूंगी गुड़िया’ शब्द का इस्तेमाल कर एक बार फिर जाने-अंजाने में प्रियंका की तुलना उनकी दादी इंदिरा गांधी से कर दी गई। ‘गूंगी गुड़िया’ शब्द का इस्तेमाल प्रियंका की दादी इंदिरा गांधी के लिए कभी विरोधियों ने किया था।
लखनऊ में रोड शो के दौरान प्रियंक-प्रियंका के नारों से गगन गूजता रहा। मुस्कुराते हुए प्रयंका समर्थकों और चाहने वालों का अभिवाद स्वीकार करती रहीं। कभी हाथ हिलातीं तो कभी हाथ जोड़कर अभिवादन करतीं। करीब 15 किलोमीटर तक का उन्होंने रोड शो तय किया। कांग्रेस दफ्तर पहुंचने के बाद भी उन्होंने जनता को संबोधित नहीं किया। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि रोड शो करने के बाद नेता सभा को जरूर संबोधित करते हैं, लेकिन प्रियंका ने ऐसा नहीं किया।
विरोधियों ने प्रियंका को ‘गूंगी गुड़िया’ बुलाकर इतिहास के उन पन्नों पलट दिया, जिससे प्रियंका का सीधा रिश्ता जुड़ा हुआ है। प्रियंका की दादी इंदिरा गांधी ने लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद देश की बागडोर संभाली थी। कहते हैं कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वो खामोश रहा करती थीं। उन्हें सभाओं में जाने और खास तौर पर वहां जाकर बोलने में डर लगता था।
प्रधानमंत्री बनने के बाद इंदिरा बहुत सहज नहीं थीं। सभाओं में भाषण देने और संसद में बहस करने से वो बचती थीं। कहते हैं कि 1969 में जब उन्हें संसद में बजट पेश करना था तब वो इतनी डर हुईं थीं कि उनके मुंह से आवाज ही नहीं निकल रही थी। इंदिरा गांधी के निजी डॉक्टर रहे केपी माथुर ने अपनी किताब ‘द अनसीन इंदिरा गांधी’ में इस बारे में बहुत कुछ लिखा है।
इंदिरा की इस असहजता पर विपक्ष अक्सर उन पर हमले करता था। यही वजह है कि एक बार राम मनोहर लोहिया ने इंदिरा को ‘गूंगी गुड़िया’ कह दिया था। और आज प्रियंका को ‘गूंगी गुड़िया’ कहा गया। इतिहास गवाह है, जिस इंदिरा को विपक्ष ने ‘गूंगी गुड़िया’ कह के पुकारा था, उसी ‘गूंगी गुड़िया’ ने विरोधियों के छक्के छुड़ा दिए थे। देश में आपातकाल लगाना, बांगला देश को एक अलग देश के रूप में पहचान दिलाने समेत कई इंदिरा ने कई ऐसे बड़े फैसले लिए कि उसी ‘गूंगी गुड़िया’ को अटल बिहार वाजपेयी ने ‘दुर्गा’ कहकर संबोधित किया था। उसी ‘गूंगी गुड़िया’ को ‘आयरन लेडी’ भी कहा गया।
कहते हैं कि प्रियंका अपनी दादी इंदिरा की तरह हू-बहू दिखती हैं। और गौर करने वाली बात ये है कि सियासी सफर की शुरूआत के मौके पर प्रियंका की तुलना उनकी दादी से विरोधियों ने ‘गूंगी गुड़िया’ कह कर की है।
हालंकि प्रियंका को सभाओं को संबोधित करने में कोई परेशानी नहीं होती। वो जनता से काफी घुली मिली दिखती हैं। अपने सियासी सफर की शुरुआत करने के मौके पर भले ही उन्होंने सभा को संबोधित नहीं किया, लेकिन इससे पहले वे अपनी मां और भाई राहुल गांधी के लिए अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार के साथ सभाओं को संबोधित कर चुकी हैं।
प्रियंका के रोड शो में भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर और ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद थे। इस रोड शो में कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ देखी गई। इस रोड शो के बाद अब अगले चार दिनों तक प्रियंका यूपी में ही रहेंगी। इस दौरान वो प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी, कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा करेंगी और अलग-अलग दिन 42 लोकसभा सीट के 20-20 नेताओं और कार्यकर्ताओं से बात करेंगी और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगी।
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