पुलवामा आतंकी हमले में शहीद 40 जवान बच सकते थे! सामने आई गृह मंत्रालय की लापरवाही, हुआ बड़ा खुलासा
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को शहीद हुए 40 CRPF जवानों की जान बच सकती थी। एक रिपोर्ट से गृह मंत्रालय की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
पुलवामा आतंकी हमले को लेकर ‘द क्विंट’ वेबसाइट में छपी रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर गृह मंत्रालय ने CRPF की बात मानी होती तो शायद आज CRFP के वो 40 जवान हमारे बीच होते। रिपोर्ट में कहा गया है कि CRPF के अधिकारियों ने जवानों को जम्मू से श्रीनगर ले जाने के लिए एरयर ट्रांजिट की मांग की थी। मतलब ये कि CRPF ने गृह मंत्रालय से यह मांग की थी कि जवानों को सड़क के रास्ते ले जाने की बजाय उन्हें विमान से जम्मू से श्रीनगर ले जाने का इंतजाम किया जाए, लेकिन CRPF की इस मांग को गृह मंत्रालय ने नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद ढाई हजार जवानों को जम्मू से श्रीनगर रोड के रास्ते ले जाना पड़ा।
CRPF के अधिकारी ने बताया कि जम्मू में बर्फबारी की वजह से कई जवान फंस गए थे। अधिकारी के मुताबिक, पिछले काफिले ने 4 फरवरी को यात्रा शुरू की थी। इसलिए CRPF हेडक्वार्टर को एयर ट्रांजिट के लिए अपील की गई थी। अधिकारी ने बताया कि CRPF हेडक्वार्टर ने रिक्वेस्ट, गृह मंत्रालय के पास बढ़ा दी थी, लेकिन मत्रालय की तरह से कुछ नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि जवानों को हवाई रास्ते से ले जाना न सिर्फ सुरक्षित होता है, बल्कि इसमें पैसा भी कम खर्च होता है, साथ ही कम समय भी लगता है। अधिकारी के अनुसार, इससे पहले भी एयर ट्रांजिट की रिक्वेस्ट की जा चुकी है, लेकिन गृह मंत्रालय ने ये रिक्वेस्ट कभी नहीं मानी।
रिपोर्ट के मुताबिक, CRPF जवाना द्वारा जम्मू से श्रीनगर यात्रा शुरू करने से महज 6 दिन पहले हमले को लेकर खुफिया जानकारी मिली थी। 8 फरवरी को इंटेलिजेंस ब्योर ने CRPF को एक पत्र लिखा था। पत्र में इंटेलीजेंस ने CRPF से पत्र में कहा था जिस इलाके से जवानों को ले जाया जा रहा है उस रास्ते से गुजरने से पहले इलाके को अच्छी तरह से साफ करने के लिए कहा था। यही नहीं इंटेलीजेंस ब्योरो ने IED धमाके की भी आशंका जताई थी।