राफेल पर राहुल गांधी के दांव से गोवा से लेकर दिल्ली तक मची खलबली, पर्रिकर ने दी सफाई
राहुल गांधी ने मंगलवार को पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मौजूदा सीएम से मिलने के बाद बुधवार को राफेल पर ऐसा दांव चला कि बीजेपी खेमे में खलबली मच गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष बुधवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘युवा क्रांति यात्रा’ के समापन के मौके पर युवा कांग्रेस को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक के बाद एक मोदी सरकार पर कई हमले किए। इस बीच उहोंने सबसे बड़ा दांव राफेल मुद्दे पर चला।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “कल ही मैं गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर से मिला, उन्होंने स्वयं कहा था कि डील बदलते वक्त पीएम मोदी ने हिंदुस्तान के रक्षा मंत्री से नहीं पूछा था।”
#WATCH Delhi: Congress President Rahul Gandhi says "I met Parrikar ji yesterday. He himself said that the Prime Minister did not ask the Defence Minister of the country at the time of changing the deal." #Rafale pic.twitter.com/DdUtINhM43
— ANI (@ANI) January 30, 2019
राहुल गांधी के इस बयान के बाद गोवा से लेकर दिल्ली तक खलबली मच गई। बीजेपी और मोदी सरकार को गठघरे में खड़ा किया जाने लगा। इधर राहुल ने बयान दिया, उधर तुरंत गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर ने पत्र लिखकर राहुल के बयान को सिरे से खारिज कर दिया। अपने पत्र में उन्होंने लिखा, “मेरी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मंगलवार को 5 मिनट के लिए मुलाकात हुई थी, इस दौरान राफेल मुद्दे पर उनसे कोई बात नहीं हुई।”
Goa CM Manohar Parrikar writes to Congress President Rahul Gandhi, writes "I feel let down that you have used this visit for your petty political gains. In the 5 minutes you spent with me, neither did you mention anything about Rafale, now did we discuss anything related to it.' pic.twitter.com/HbUX6yiDk3
— ANI (@ANI) January 30, 2019
पर्रिकर ने आगे कहा, “मुझे नहीं पता था कि मेरा हाल पूछने के लिए आने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इसका राजनीति फायदा उठाएंगे।” राहुल गांधी के बयान और पर्रिकर की सफाई के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ। राहुल के बयान के बाद बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं।
राहुल गांधी के बयान का मतलब क्या है?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी पार्टी लगातार यह आरोप लगाते हुए आ रही है कि राफेल डील में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। कांग्रेस का कहना है कि फ्रांस जाकर पीएम मोदी ने राफेल सौदे को बदल दिया और एचएएल की जगह अनिल अंबानी को डील में ऑफसेट पार्टनर बनवा दिया। कांग्रेस का यह भी आरोप है कि पीएम मोदी ने जब सौदा बदला उस वक्त नियमों की अनदेखी की गई। राहुल गांधी का कहना है कि राफेल सौदा बदलते वक्त कम से कम रक्षा मंत्री को जानकारी दी जानी चाहिए थी। बुधवार को युवा कांग्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने इसी बात का जिक्र किया कि राफेल सौदे को बदलते वक्त पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री को जानकारी नहीं दी थी, जो कि नियमों की अनदेखी है। राहुल गांधी का दावा है कि तत्कालीन राक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने खुद इस बात को स्वीकार किया था कि पीएम मोदी ने डील बदलने की उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई थी।